ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज

गमले: ओमप्रकाश बजाज

भांति-भांति के गमले आते,
मिटटी के गमले कुम्हार बनाते!

टोकरे में रख कर बेचने आते,
गली-गली आवाज़ लगाते!

यथा स्थान फिर उन्हें सजाते!
गमलो को भी समय-समय पर,
साफ़ करते और धोते जाते!

कई लोग खली मर्तबान, बोतलें,
डिब्बे भी इस काम में लाते!

एक जैसे गमलो में खिले फूल,
घर की शोभा खूब बढ़ाते!

ओमप्रकाश बजाज

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