Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

ए माँ तू कहाँ: कवि प्रदीप

ए माँ तू कहाँ - कवि प्रदीप Mothers Day Special Hindi Film Song

ए माँ तू कहाँ मेरी अंधी आँखे ढूंढ रही है तुझको यहाँ वहाँ ए माँ तू कहाँ तू कहाँ तेरे घर का दुलारा आज सड़क पे मारा मारा भटके तेरे घर दुलारा आज सड़क पे मारा मारा भटके दर दर की ठोकरे खाता हुआ तेरी आँख का तारा भटके मैं तुझ कैसे आऊ मैं तुझ तक कैसे आऊ हे बहुत …

Read More »

चलो चलें माँ: कवि प्रदीप

चलो चलें माँ - कवि प्रदीप Mothers Day Special Hindi Film Song

चलो चलें माँ सपनों के गाँव में काँटों से दूर कहीं फूलों की छाओं में चलो चले माँ हो राहें इशारे रेशमी घटाओं में चलो चलें माँ सपनों के गाँव में काँटों से दूर कहीं फूलों की छाओं में चलो चलें माँ आओ चलें हम एक साथ वहाँ दुःख ना जहाँ कोई ग़म ना जहाँ आओ चलें हम एक साथ …

Read More »

यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ: कवि प्रदीप

Kavi Pradeep Devotional Bhajan यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ

यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… जल में भी थल में भी, चल में अचल में भी, अतल वितल में भी माँ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… बड़ी अनोखी चमत्कारिणी, ये अपनी माई राई को पर्वत कर सकती, पर्वत को राई द्धार खुला दरबार खुला है, आओ बहन भाई …

Read More »

रोते रोते हँसना सीखो: आनंद बक्षी

Father's Day Inspirational Hindi Song रोते रोते हँसना सीखो

रोते रोते हँसना सीखो, हँसते हँसते रोना जितनी चाभी भरी राम ने, अरे उतना चले खिलौना – २ हम दो एक हमारी प्यारी प्यारी मुनिया है बस यही चोटी सी अपनी सारी दुनिया है हम दो एक हमारी प्यारी प्यारी मुनिया है खुशियों से आबाद है, अपने घर का कोना कोना रोते रोते… बड़ी बड़ी खुशियां हैं छोटी छोटी बातों …

Read More »

हम सब सुमन एक उपवन के: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

हम सब सुमन एक उपवन के - द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

हम सब सुमन एक उपवन के एक हमारी धरती सबकी, जिसकी मिट्टी में जन्मे हम। मिली एक ही धूप हमें है, सींचे गए एक जल से हम। पले हुए हैं झूल-झूल कर, पलनों में हम एक पवन के। हम सब सुमन एक उपवन के॥ रंग रंग के रूप हमारे, अलग-अलग है क्यारी-क्यारी। लेकिन हम सबसे मिलकर ही, इस उपवन की शोभा सारी। एक हमारा माली …

Read More »

इतने ऊँचे उठो: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

इतने ऊँचे उठो - द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है। देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से जाति भेद की, धर्म-वेश की काले गोरे रंग-द्वेष की ज्वालाओं से जलते जग में इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है। नये हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो …

Read More »

इतने ऊँचे उठो: द्वारिका प्रसाद महेश्वरी

इतने ऊँचे उठो - द्वारिका प्रसाद महेश्वरी

इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है। देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से जाति भेद की, धर्म-वेश की काले गोरे रंग-द्वेष की ज्वालाओं से जलते जग में इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥ नये हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो …

Read More »

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो - द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। प्रात हो कि रात हो संग हो न …

Read More »

उठो धरा के अमर सपूतो: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

उठो धरा के अमर सपूतो - द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो। जन जन के जीवन में फिर से नई स्फूर्ति, नव प्राण भरो। नया प्रात है, नई बात है, नई किरण है, ज्योति नई। नई उमंगें, नई तरंगे, नई आस है, साँस नई। युग युग के मुरझे सुमनों में, नई नई मुसकान भरो। डाल डाल पर बैठ विहग कुछ नए स्वरों में …

Read More »

बम बम बोले मस्ती में डोले: प्रसून जोशी

Prasoon Joshi's Student Teacher Classroom Fun Song बम बम बोले मस्ती में डोले

चका राका ची चाय चो चका लो रूम गंदो वंदो लाका राका तुम अक्को तकको इड्डी गिद्दी गिद्दी गो इड्डी पी विदि पी चिकि चका चो गीली गीली मॉल सुलू सुलू मॉल मका नका हुकू बुकू रे तुकु बुकू रे चका लाका बिक्को चिक्को सिली सिली सिली गो बगड़ दम चगद दम चिकि चका चो देखो देखो क्या वो पेड़ …

Read More »