रविन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

आरम्भ [The Beginning]

कहाँ मिली मैं? कहाँ से आई? यह पूछा जब शिशु ने माँ से
कुछ रोती कुछ हँसती बोली, चिपका कर अपनी छाती से
छिपी हुई थी उर में मेरे, मन की सोती इच्छा बनकर
बचपन के खेलों में भी तुम, थी प्यारी-सी गुड़िया बनकर
मिट्टी की उस देव मूर्ति में, तुम्हे गढ़ा करती बेटी मैं
प्रतिदिन प्रातः यही क्रम चलता, बनती और मिलती मिट्टी में

कुलदेवी की प्रतिमा में भी, तुमको ही पूजा है मैंने
मेरी आशा और प्रेम में, मेरे और माँ के जीवन में
सदा रही जो और रहेगी, अमर स्वामिनी अपने घर की
उसी गृहात्मा की गोदी में, तुम्ही पली हो युगों-युगों से
विकसित होती हृदय कली की, पंखुडियाँ जब खिल रही थीं
मंद सुगंध बनी सौरभ-सी, तुम ही तो चँहु ओर फिरी थीं
सूर्योदय की पूर्व छटा-सी, तब कोमलता ही तो थी वह
यौवन वेला तरुणांगों में, कमिलिनी-सी जो फूल रही थी

स्वर्ग प्रिये उषा समजाते, जगजीवन सरिता संग बहती
तब जीवन नौका अब आकर, मेरे ह्रदय घाट पर रूकती
मुखकमल निहार रही तेरा, डूबती रहस्योदधि में मैं
निधि अमूल्य जगती की थी जो, हुई आज वह मेरी है
खो जाने के भय के कारण, कसकर छाती के पास रखूँ
किस चमत्कार से जग वैभव, बाँहों में आया यही कहूँ?

अनुवाद: अत्रि ‘गरुण’

Check Also

Hanuman - The Powerful

Hanuman: The Powerful – Poetry On Monkey God

Hanuman: The Powerful You are the monkey god, the real superman Son of Vayu Deva …