मैं तुम्हारी बाट जोहूँ तुम दिशा मत मोड़ जाना तुम अगर ना साथ दोगे पूर्ण कैसे छंद होंगे भावना के ज्वार कैसे पक्तिंयों में बंद होंगे वर्णमाला में दुखों की और कुछ मत जोड़ जाना देह से हूँ दूर लेकिन हूँ हृदय के पास भी मैं नयन में सावन संजोए गीत भी मधुमास भी मैं तार में झंकार भर कर …
Read More »Bedhab Banarasi Hasya Vyang Poem प्रिये – एक पौरोडी
तुम अंडर–ग्रेजुएट हो सुन्दर मैं भी हूँ बी.ए. पास प्रिये तुम बीबी हो जाओ लॉ–फुल मैं हो जाऊँ पति खास प्रिये मैं नित्य दिखाऊँगा सिनेमा होगा तुमको उल्लास प्रिये घर मेरा जब अच्छा न लगे होटल में करना वास प्रिये सर्विस न मिलेगी जब कोई तब ‘लॉ’ की है एक आस प्रिये उसमें भी सक्सेस हो न अगर रखना मत …
Read More »Dipti Mishra Hindi Frustration Poem about Love है तो है
वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है ये अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है सच को मैंने सच कहा, जब कह दिया तो कह दिया गर ज़माने की नज़र में ये हिमाकत है तो है कब कहा मैंने कि वो मिल जाए मुझको, मैं उसे, ग़ैर ना हो जाए वो बस इतनी हसरत है तो है …
Read More »लाखों तारे आसमां में, एक मगर ढूँढे ना मिला – हसरत जयपुरी
लाखों तारे आसमां में, एक मगर ढूँढे ना मिला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२ किस्मत का हैं नाम मगर, काम हैं ये दुनिया वालों का फूँक दिया हैं चमन हमारे ख़्वाबों और खयालों का जी करता हैं खुद ही घोंट दें, अपने अरमानों का गला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२ …
Read More »Children’s Poetry about Festival of Lights – Deepawali शुभ दीपावली
जगमग – जगमग दीप जलें, रोशन घर का हो हर कोना। प्रकाश के जैसे उज्जवल तन हो, जन – जन स्वजन और निर्मल मन हो। रोशनी का आगाज जहाँ हो, तुम वहां हो हम वहां हों। दूर तम के अन्धकार हों, मीठे सुर हों मीठी ताल हो। शुभकामनायें हैं यही हमारी, सतरंगी हर दीवाली हो। ∼ अमृता गोस्वामी [वैशाली नगर, …
Read More »झिलमिल सितारों का आंगन होगा – आनंद बक्षी
झिलमिल सितारों का आँगन होगा रिमझिम बरसता सावन होगा ऐसा सुन्दर सपना, अपना जीवन होगा प्रेम की गली में एक छोटा सा घर बनायेंगे कलियाँ ना मिले ना सही, काँटों से सजायेंगे बगिया से सुन्दर वो बन होगा तेरी आँखों से सारा, संसार मैं देखूंगी देखूंगी इस पार या, उस पार मैं देखूंगी नैनो को तेरा ही, दर्शन होगा फिर …
Read More »एक तेरा साथ हम को दो जहां से प्यारा है – मजरुह सुलतानपुरी
एक तेरा साथ हम को दो जहां से प्यारा है तू है तो हर सहारा है ना मिले संसार, तेरा प्यार तो हमारा है तू है तो हर सहारा है हम अकेले है, शहनाईयाँ चूप हैं, तो कंगना बोलता है तू जो चलती है, छोटे से आँगन में, चमन सा डोलता है आज घर हमने, मिलन के रंग से संवारा …
Read More »चंदा रे चंदा रे, कभी तो ज़मीं पर आ – जावेद अख्तर
ह: चंदा रे चंदा रे कभी तो ज़मीं पर आ बैठेंगे, बातें करेंगे तुझको आते इधर लाज आये अगर ओढ़ के आजा, तू बादल घने गुलशन, गुलशन, वादी वादी, बहती है रेशम जैसी हवा जंगल जंगल, पर्वत, पर्वत, हैं नींद में सब इक मेरे सिवा चंदा, चंदा आजा सपनों की नीली नदिया में नहायें आजा ये तारे चुनके हम, घर …
Read More »अँखियों के झरोखों से
अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने मन में तुम्हीं मुस्काए, बस तुम्हीं मुस्काए अखियों के झरोखों से… इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ …
Read More »आके तेरी बाँहों में – वंश
आके तेरी बाँहों में, हर शाम लगे सिंदूरी मेरे मन को महकाए, तेरे मन की कस्तूरी। आके तेरी बाँहों में, हर शाम लगे सिंदूरी मेरे मन को महकाए, तेरे मन की कस्तूरी। महकी हवाए उड़ता आंचल लत घुंघराले काले बादल प्रेम सुधा नैनो से बरसे, पी लेने को जीवन तरसे बाहो मे कास लेने दे, परीत का चुंबन देने दे …
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