Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

चलो हम दोनों चलें वहां – नरेंद्र शर्मा

भरे जंगल के बीचो बीच, न कोई आया गया जहां, चलो हम दोनों चलें वहां। जहां दिन भर महुआ पर झूल, रात को चू पड़ते हैं फूल, बांस के झुरमुट में चुपचाप, जहां सोये नदियों के कूल; हरे जंगल के बीचो बीच, न कोई आया गया जहां, चलो हम दोनों चलें वहां। विहंग मृग का ही जहां निवास, जहां अपने …

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बबम बम बबम बम बम लहरी – कैलाश खेर

Haath jod ke bolee kawarja – (2) tino lok basaaye bastee me – (2) aap base viraane me ji, aafate viraane me ajee raam bhajo jee, raam bhajo jee raam bhajo jee, raam bhajo jee shiv ka vandan kiya karo ajee shiv ka vandan kiya karo jee bagad bam, babam bam babam bam bamleharee – (4) Meree ek suno antaryaamee, …

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चाँद – गोविन्द भारद्वाज

लहर – लहर लहराया चाँद, आसमान पर आया चाँद। सजी सितारों की बारात, मन ही मन मुस्काया चाँद। नही धरती शबनम में , और देख इतराया चाँद। सुनकर नगमा चांदनी का, आज फिर गुनगुनाया चाँद। इस जगमगाती दुनिया में, परी लोक से आया चाँद। ∼ गोविन्द भारद्वाज

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साल मुबारक – हरिहर झा

यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो पल दो पल खुशी में जी लेने दो तुम सच कहते हो कल किसी आतंकवादी बम से आसमान फट पड़ेगा तो मेरी फटी कमीज़ के तार-तार से आसमाँ को भी सी दूँगा पर आज मेरे दिल की नसें मत चिरने दो यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो माना कल सार्स के कीटाणु …

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उड़ी पतंग – डॉ. मोहम्मद साजिद खान

आसमान का मौसम बदला, बिखर गई चहुँओर पतंग। इंद्रधनुष जैसी सतरंगी, नील गगन की मोर पतंग॥ मुक्त भाव से उड़ती ऊपर, लगती है चितचोर पतंग। बाग तोड़कर, नील गगन में, करती है घुड़दौड़ पतंग॥ पटियल, मंगियल और तिरंगा, चप, लट्‍ठा, त्रिकोण पतंग। दुबली-पतली सी काया पर, लेती सबसे होड़ पतंग॥ कटी डोर, उड़ चली गगन में, बंधन सारे तोड़ पतंग। …

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ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है – इन्दीवर

कु — सूरज कब दूर गगन से चंदा कब दूर किरन से ख़ुश्बू कब दूर पवन से कब दूर बहार चमन से अ — ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है जनमों का संगम है उ — ये बन्धन तो… अ — सूरज कब दूर… उ — ख़ुश्बू कब दूर… अ — ये बन्धन तो… अ — तुम ही मेरे …

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काली आरती – जय काली माता

काली आरती - जय काली माता

अंबे तू हे जगद अंबे काली जय दुर्गे गब्बर वाली तेरे ही गुन गाये भारती ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती उतारे तेरी आरती महाकाली तेरी आरती तेरे भक्तजनों पर माता घिर पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पडो माँ कर के सिंह सवारी सो सो सिंहो से है बलसाली है दस भुजा वाली दुखियों के दुःख निवारती …

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ज़िन्दगी प्यार का गीत है – सावन कुमार

ज़िन्दगी प्यार का गीत है - सावन कुमार

ज़िन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा ज़िन्दगी ग़म का सागर भी है हँस के उस पार जाना पड़ेगा ज़िन्दगी एक अहसास है टूटे दिल की कोई आस है ज़िन्दगी एक बनवास है काट कर सबको जाना पड़ेगा ज़िन्दगी प्यार का गीत है… ज़िन्दगी बेवफा है तो क्या अपने रूठे हैं हम से तो क्या हाथ …

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मेरी बात रही मेरे मन में – शकील बदायूंनी

मेरी बात रही मेरे मन में कुछ कह न सकी उलझन में मेरे सपने अधूरे, हुए नहीं पूरे आग लगी जीवन में मेरी बात रही मेरे मन में… ओ रसिया, मन बसिया रग रग में हो तुम ही समाये मेरे नैना करे बैना मेरा दर्द न तुम सुन पाये जिया मोरा प्यासा रहा सावन में मेरी बात रही मेरे मन …

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महाकाली कालिके – मनोहर लाल ‘रत्नम’

महाकाली कालिके– कपाल कंडः कारिणी, खड़ग खंड धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारिणी॥ मधुकैटप संहार के, निशुम्भ-शुम्भ मारके। दुष्ट दुर्गम सीस को, धड़ से ही उतार के॥ कष्ट सब निवारिणी, शास्त्र हस्त धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारिणी॥ रक्तबीज को मिटाया, रक्त उसका पी गई। नेत्र हो गए विशाल, जिव्हा ला हो गई॥ शिव पे चरण धारिणी, काली बन विहारिणी। …

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