Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

Collection of Nida Fazli Couplets निदा फाजली के दोहे 2

Collection of Nida Fazli Couplets निदा फाजली के दोहे 2

मैं भी तू भी यात्री, आती जाती रेल अपने अपने गाँव तक, सब का सब से मेल। बूढ़ा पीपल घाट का, बतियाये दिन रात जो भी गुजरे पास से, सर पर रख दे हाथ। जादू टोना रोज का, बच्चों का व्यवहार छोटी सी एक गेंद में, भर दें सब संसार। छोटा कर के देखिये, जीवन का विस्तार आँखों भर आकाश …

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होली के दिन दिल खिल जाते हैं – आनंद बक्षी

होली के दिन दिल खिल जाते हैं - आनंद बक्षी

चलो सहेली चलो रे साथी ओ पकड़ो-पकड़ो रे इसे न छोड़ो अरे बैंया न मोड़ो ज़रा ठहर जा भाभी जा रे सराबी क्या हो राजा गली में आजा होली रे होली भंग की गोली ओ नखरे वाली दूँगी मैं गाली ओ राअमू की साली होली रे होली होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं …

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होली त्यौहार के आगमन पर बाल-कविता – होली

होली त्यौहार के आगमन पर बाल-कविता - होली

चहुंदिश फैली चहल-पहल है, आनेवाली है होली। मन की मस्ती तन में गश्ती, लगा रहा है रंगोली। इन्द्रधनुष सी रंगी जा रही, गोरी की अंगिया चोली। मौसम युवा जवानी ॠतु की, बांट रहा है भर झोली। बिना वजह अंगडाई तन में, नहीं लगाती है बोली। फूलों के मुख रक्तिम-रक्तिम, गात में फैली है होली। सबके अधरों पर गुम्फित है, फाग …

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फागुनी संगीत में – डॉ. सरस्वती माथुर

फागुनी संगीत में - डॉ. सरस्वती माथुर

चलो मिल बटोर लाएँ मौसम से बसन्त फिर मिल कर समय गुज़ारें पीले फूलों सूर्योदय की परछाई हवा की पदचापों में चिडियों की चहचहाटों के साथ फागुनी संगीत में फिर तितलियों से रंग और शब्द लेकर हम गति बुनें चलो मिल कर बटोर लाएँ। मौसम से बसन् और देखें दुबकी धूप कैसे खिलते गुलाबों के ऊपर पसर कर रोशनियों की …

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भागी रे भागी ब्रिज बाला – आनन्द बक्शी

भागी रे भागी ब्रिज बाला - आनन्द बक्शी

भागी रे भागी रे भागी, ब्रिज बाला, ब्रिज बाला कान्हा ने पकड़ा रंग डाला हे, भागा रे भागा रे भागा नन्द लाला, नन्द लाला राधा ने पकड़ा रंग डाला भाडा हे रंग, अदा प्यार मेरा… दिल जाये गा, गोरी रूप तेरा भीड़ बदरिया रास्त मह तेरा… भय की बहिना देवाला भागा रे भागा रे भागा, नन्द लाला, नन्द लाला राधा …

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बहक गए टेसू – क्षेत्रपाल शर्मा

बहक गए टेसू - क्षेत्रपाल शर्मा

बहक गए टेसू निरे, फैले चहुँ, छतनार मौसम पाती लिख रहा, ठगिनी बहे बयार अष्‍ट सिद्धि नौ निधि भरा, देत थके को छाँव नंद गाँव भी धन्‍य है, धन्‍य आप का गाँव पीले फूलों से सजी, सरसों की सौगात कहती ज्‍यों सौगंध से, छुओ न हमरे गात भीग गए ये कंठ पर, पलक न भीजें आज नैन झुके, झुकते गए, …

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नाम उसका राम होगा – श्याम नारायण पाण्डेय Devotional Hindi Poem

नाम उसका राम होगा – श्याम नारायण पाण्डेय Devotional Hindi Poem

गगन के उस पार क्या पाताल के इस पार क्या है? क्या क्षितिज के पार, जग जिस पर थमा आधार क्या है? दीप तारों की जलाकर कौन नित करता दिवाली? चाँद सूरज घूम किसकी आरती करते निराली? चाहता है सिंधु किस पर जल चढ़ा कर मुक्त होना? चाहता है मेघ किसके चरण को अविराम धोना? तिमिर–पलकें खोलकर प्राची दिशा से …

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हाथ बटाओ Thoughtful Hindi Poem from Nida Fazli

हाथ बटाओ Thoughtful Hindi Poem from Nida Fazli

नील गगन पर बैठे कब तक चांद सितारों से झांकोगे पर्वत की ऊंची चोटी से कब तक दुनियां को देखोगे आदर्शों के बन्द ग्रंथों में कब तक आराम करोगे मेरा छप्पर टपक रहा है बन कर सूरज इसे सुखाओ खाली है आटे का कनस्तर बन कर गेहूं इसमें आओ मां का चश्मा टूट गया है बन कर शीशा इसे बनाओ …

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होली की शुभकामनाएं – सुरेशचन्द्र ‘विमल’

होली की शुभकामनाएं - सुरेशचन्द्र ‘विमल’

होली का पर्व सुहाना यह, सारी खुशियाँ घर लाना है। अब निशा दुखों की विदा हुई, सुरभित दिनकर फिर आया है॥ धर्म, जाति, भाषा के हम, वाद – विवादों में पड़कर। अपनों को थे हम भूल गए, थे भटक गए थोड़ा चलकर॥ मंदिर – मस्जिद में हम अटके, मानवता को विस्मृत करके। निज स्वार्थ जाल में फंसे रहे, मन – मंदिर को कुलषित …

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