Kshetrapal Sharma

अलीगढ़ (उत्‍तर प्रदेश) जनपद के गाँव पला (एसी) में ५ सितंबर १९५० को जन्‍म। एम.ए. (अँग्रेज़ी) तक शिक्षा, नागपुर विश्वविद्यालय से । अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के भी छात्र रहे। ग्रामीण अंचल से लगाव। एक संग्रह ‘झरोखे’ प्रकाशित। कवि एवं अनुवादक। दैनिक समाचार पत्र से सहायक संपादक के रूप में नौकरी प्रारंभ। २६ वर्षों से सहायक निदेशक (राजभाषा) एक केंद्रीय सरकारी संगठन में हैं। राष्‍ट्रीय बचत संगठन एवं भारतीय वायु सेना में भी नौकरी कर चुके हैं। देश के समाचारपत्रों/ पत्रिकाओं में शैक्षिक एवं साहित्यिक लेखन। आकाशवाणी मद्रास, पुणे, कोलकाता से कई आलेख प्रसारित।

मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: सवा चार साल की मेरी धेवती, सुरभि 19 अप्रैल 22, को अपने पिता के मृत शरीर को देख रही थी और अनेकानेक सगे संबंधियों का रुदन देख रही थी और गंभीरता पूर्वक जो दुखद घटना घटी, उन सब की बातें सुन रहीं थी। उसके अत्यंत कोमल पूछताछ का ताना बाना है, यह शोकगीत। सुरभि का कहना …

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नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

कोरोना व ठंड में दबा बचपन: कोरोना कॉल में घर पर रह कर बच्चे चिड़-चिडे़ हो गए हैं। 6 से 12 साल के बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में भी डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। खेलकूद बंद होने से बच्चों की दिनचर्या बदली है। बच्चों के बर्ताव में बदलाव दिख रहा है। स्कूल न …

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बहक गए टेसू – क्षेत्रपाल शर्मा

बहक गए टेसू - क्षेत्रपाल शर्मा

बहक गए टेसू निरे, फैले चहुँ, छतनार मौसम पाती लिख रहा, ठगिनी बहे बयार अष्‍ट सिद्धि नौ निधि भरा, देत थके को छाँव नंद गाँव भी धन्‍य है, धन्‍य आप का गाँव पीले फूलों से सजी, सरसों की सौगात कहती ज्‍यों सौगंध से, छुओ न हमरे गात भीग गए ये कंठ पर, पलक न भीजें आज नैन झुके, झुकते गए, …

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