Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

साल मुबारक – हरिहर झा

यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो पल दो पल खुशी में जी लेने दो तुम सच कहते हो कल किसी आतंकवादी बम से आसमान फट पड़ेगा तो मेरी फटी कमीज़ के तार-तार से आसमाँ को भी सी दूँगा पर आज मेरे दिल की नसें मत चिरने दो यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो माना कल सार्स के कीटाणु …

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उड़ी पतंग – डॉ. मोहम्मद साजिद खान

आसमान का मौसम बदला, बिखर गई चहुँओर पतंग। इंद्रधनुष जैसी सतरंगी, नील गगन की मोर पतंग॥ मुक्त भाव से उड़ती ऊपर, लगती है चितचोर पतंग। बाग तोड़कर, नील गगन में, करती है घुड़दौड़ पतंग॥ पटियल, मंगियल और तिरंगा, चप, लट्‍ठा, त्रिकोण पतंग। दुबली-पतली सी काया पर, लेती सबसे होड़ पतंग॥ कटी डोर, उड़ चली गगन में, बंधन सारे तोड़ पतंग। …

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ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है – इन्दीवर

कु — सूरज कब दूर गगन से चंदा कब दूर किरन से ख़ुश्बू कब दूर पवन से कब दूर बहार चमन से अ — ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है जनमों का संगम है उ — ये बन्धन तो… अ — सूरज कब दूर… उ — ख़ुश्बू कब दूर… अ — ये बन्धन तो… अ — तुम ही मेरे …

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काली आरती – जय काली माता

काली आरती - जय काली माता

अंबे तू हे जगद अंबे काली जय दुर्गे गब्बर वाली तेरे ही गुन गाये भारती ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती उतारे तेरी आरती महाकाली तेरी आरती तेरे भक्तजनों पर माता घिर पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पडो माँ कर के सिंह सवारी सो सो सिंहो से है बलसाली है दस भुजा वाली दुखियों के दुःख निवारती …

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ज़िन्दगी प्यार का गीत है – सावन कुमार

ज़िन्दगी प्यार का गीत है - सावन कुमार

ज़िन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा ज़िन्दगी ग़म का सागर भी है हँस के उस पार जाना पड़ेगा ज़िन्दगी एक अहसास है टूटे दिल की कोई आस है ज़िन्दगी एक बनवास है काट कर सबको जाना पड़ेगा ज़िन्दगी प्यार का गीत है… ज़िन्दगी बेवफा है तो क्या अपने रूठे हैं हम से तो क्या हाथ …

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मेरी बात रही मेरे मन में – शकील बदायूंनी

मेरी बात रही मेरे मन में कुछ कह न सकी उलझन में मेरे सपने अधूरे, हुए नहीं पूरे आग लगी जीवन में मेरी बात रही मेरे मन में… ओ रसिया, मन बसिया रग रग में हो तुम ही समाये मेरे नैना करे बैना मेरा दर्द न तुम सुन पाये जिया मोरा प्यासा रहा सावन में मेरी बात रही मेरे मन …

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महाकाली कालिके – मनोहर लाल ‘रत्नम’

महाकाली कालिके– कपाल कंडः कारिणी, खड़ग खंड धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारिणी॥ मधुकैटप संहार के, निशुम्भ-शुम्भ मारके। दुष्ट दुर्गम सीस को, धड़ से ही उतार के॥ कष्ट सब निवारिणी, शास्त्र हस्त धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारिणी॥ रक्तबीज को मिटाया, रक्त उसका पी गई। नेत्र हो गए विशाल, जिव्हा ला हो गई॥ शिव पे चरण धारिणी, काली बन विहारिणी। …

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भीगी पलकें – सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

भीगी पलकें - सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

सलवटों के सवंरने का जरिया होतीं हैं भीगी पलकें रुके हुए पानी को तीव्र धारा में बदल देतीं  हैं भीगी पलकें अमावस की रात में पूनम का चाँद बनतीं  हैं भीगी पलकें उतर आई  उदासी को, निकल जाने देती हैं  भीगी पलकें बिखरी हुई घटाओं को घने बादलों में बदलती हैं भीगी पलकें रुकी हुई हवाओं को समीर की गति …

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न होते तुम, तो क्या होता – सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

न होते तुम, तो क्या होता… न होता कहीं सावन, न होता कहीं उपवन, न होता कहीं समर्पण, न होता कहीं आलिंगन। न होती कहीं रुठन, न होती कहीं अड़चन, न होती कहीं अनबन, न होती कहीं मनावन। न खिलते कहीं फूल, न होते कहीं शूल, न होती कहीं अमराई, न मन लेता अंगड़ाई। न बदरा बनते बौझार, न झरना …

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