तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ - प्रेम धवन

तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ: प्रेम धवन

भारत के वीर पुत्र भगत सिंह – जिसने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। 27 सितम्बर 1907 को जिसका जन्म हुआ और मात्र 24 वर्ष की कोमल आयु में जिसे केवल इसलिए फांसी पे चढ़ा दिया गया क्युकि वो भारत माँ से बहुत प्रेम करता था, किसी को प्रेम की इतनी बड़ी सज़ा?

वो माँ का क्या हाल हुआ होगा जिसका पुत्र घोड़ी पे भी नहीं बेठा और बस उसे अपनी माँ के लिए फांसी पर चढ़ना पड़ा। उस भारत माँ का दर्द कौन समझ सकता है जिसके लिए उसकी संतानों को अपनी कुर्बानियां देनी पड़ती है। माँ तो अपनी संतानों को अपनी कोख में समां लेती है मगर उस माँ का कलेज़ा कितना दुःख से भरता होगा जब माँ के लिए संतान को कुर्बान होना पड़ता होगा। भारत माँ ने तो जाने ऐसी कितनी संतानों का दर्द अपने सीने में छुपा रखा है।

प्रेम धवन का दर्द भरा गीत: तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ

तू ना रोना, के तू है भगत सिंह की माँ
मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं
डोली चढ़के तो लाते है दुल्हन सभी
हँसके हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं

Shaheed Bhagat Singh

जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसीका जीना है
जो मरना देश पर जाने

जब शहीदों की डोली उठे धूम से
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों मैं जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन…

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई यू पी से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के, आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन…

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का
उस कदम का निशाँ तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे

प्रेम धवन

चित्रपट: शहीद (१९६५)
निर्माता: केवल कश्यप
निर्देशक: एस. राम शर्मा
लेखक: बी. के. दत्त, दीन दयाल शर्मा
गीतकार: प्रेम धवन
संगीतकार: प्रेम धवन
गायक: मोहम्मद रफ़ी
सितारे: मनोज कुमार, प्रेम चोपड़ा, अनंत पुरुषोत्तम मराठे, कामिनी कौशल, प्राण, इफ़्तेख़ार, निरुपा रॉय, मदन पूरी, असित सेन, इन्द्राणी मुख़र्जी, अनवर हुसैन

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