मस्ताना मौसम आ गया
संग बसंती, अंग बसंती…
धरती का है आँचल पीला
झूमे अम्बर नीला-नीला
सब रंगों से है रंगीला
रंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती…
लहराए ये तेरा आँचल
सावन के झूलों जैसा
दिल मेरा ले गया है
ये तेरा रूप गोरी
सरसों के फूलों जैसा
जब देखूँ जी चाहे मेरा
नाम बसंती रख दूँ तेरा
छोड़ो-छेड़ो ना
तेरी बातें राम दुहाई
मनवा लूटा, नींद चुराई
सैंया तेरी प्रीत से आई
तंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती…
सुन लो देशवासियों
आज से इस देश में
छोटा-बड़ा कोई न होगा
सारे एक समान होंगे
सुन लो देशवासियों
कोई न होगा भूखा-प्यासा
पूरी होगी सबकी आशा
हम हैं राजा
तुम हो कौन नगर के राजे
छोटा मुँह बड़ी बात न साजे
झूमो नाचो गाओ बाजे
रंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती…
∼ आनंद बक्षी
चित्रपट : राजा और रंक (१९६८)
निर्माता : एल. वी. प्रसाद
निर्देशक : कोतय्या प्रत्यगात्मा
लेखक : कोतय्या प्रत्यगात्मा, आर.वी. शास्त्री, मुखराम शर्मा
गीतकार : आनंद बक्षी
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गायक : मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, मन्ना डे
सितारे : अजित, संजीव कुमार, कुमकुम, निरूपा रॉय, महेश कोठारे (मास्टर महेश), नज़ीमा