ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज (भाग 2)

अनुचित हठ: ओमप्रकाश बजाज

देखा-देखी में अक्सर बच्चे,
अनुचित मांगें कर बैठते हैं।

फिर उनकी पूर्ति  के लिए,
मम्मी-पापा को परेशान करते हैं।

बच्चे यह समझ नहीं पाते कि,
सब की आय एक सी नहीं होती।

हर वस्तु खरीदने की सामर्थ्य भी,
सब की एक समान नहीं होती।

सब मां-बाप अपने बच्चों की,
हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं।

पर पैसे की तंगी के चलते,
कई बार वैसा कर नहीं पाते हैं।

बच्चों, तुम भी समझदारी दिखाना,
अनावश्यक वस्तु की मांग न उठाना।

~ ओमप्रकाश बजाज

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