Poems For Kids

Poetry for children: Our large assortment of poems for children include evergreen classics as well as new poems on a variety of themes. You will find original juvenile poetry about trees, animals, parties, school, friendship and many more subjects. We have short poems, long poems, funny poems, inspirational poems, poems about environment, poems you can recite

चाँद ने कुछ कहा – आनंद बक्षी

चाँद ने कुछ कहा - आनंद बक्षी

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना… तू भी सुन बेखबर प्यार कर ओह हो हो प्यार कर आई है चाँदनी मुझसे कहने येही… मेरी गली मेरे घर प्यार कर ओह हो हो प्यार कर चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना तू भी सुन बेखबर प्यार कर ओह हो हो प्यार कर क्या कहू क्या पता बात …

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चिड़ियों का बाज़ार – प्रतिभा सक्सेना

चिड़ियों का बाज़ार - प्रतिभा सक्सेना

चिड़ियों ने बाज़ार लगाया, एक कुंज को ख़ूब सजाया तितली लाई सुंदर पत्ते, मकड़ी लाई कपड़े-लत्ते बुलबुल लाई फूल रँगीले, रंग-बिरंगे पीले-नीले तोता तूत और झरबेरी, भर कर लाया कई चँगेरी पंख सजीले लाया मोर, अंडे लाया अंडे चोर गौरैया ले आई दाने, बत्तख सजाए ताल-मखाने कोयल और कबूतर कौआ, ले कर अपना झोला झउआ करने को निकले बाज़ार, ठेले …

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मुझ पर पाप कैसे हो – धर्मवीर भारती

अगर मैंने किसी के होठ के पाटल कभी चूमे अगर मैंने किसी के नैन के बादल कभी चूमे महज इससे किसी का प्यार मुझको पाप कैसे हो? महज इससे किसी का स्वर्ग मुझ पर शाप कैसे हो? तुम्हारा मन अगर सींचूँ गुलाबी तन अगर सीचूँ तरल मलयज झकोरों से! तुम्हारा चित्र खींचूँ प्यास के रंगीन डोरों से कली-सा तन, किरन-सा …

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गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा – रविन्द्र जैन

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा मे तो गया मारा, आके यहां रे उस पर रूप तेरा सादा चन्द्रमा ज्यो आधा, आधा जवान रे गोरी तेरा गाँव… जी करता है मोर के पाव मे पायलिया पहना दू कुहू कुहू गाती कोयलिया को फूलो का गहना दू यही घर अपना बनाने को पंछी करे देखो तिनके जमा रे, तिनके जमा रे गोरी …

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अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे – संतोष आनंद

अब के बरस अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे अब के बरस अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे अब के बरस अब के बरस तेरी प्यासों मे पानी भर देंगे अब के बरस तेरी चुनर को धानी कर देंगे अब के बरस ये दुनिया तो फानी है हो बहता सा पानी है हो तेरे …

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दुर्गा है मेरी माँ – संतोष आनंद

जैयकारा शेरोंवाली का बोल साँचे दरबार की जै दुर्गा है मेरी माँ, अंबे है मेरी माँ ओ बोलो जै माता की, जै हो ओ बोलो जै माता की, जै हो जो भी दर पे आए, जै हो वो खाली ना जाए, जै हो सब के कम हैं करती, जै हो सब के दुखड़े हारती, जै हो ओ मैया शेरॉँवली, जै …

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दो नयन मेरी प्रतीक्षा में खड़े हैं – हरिवंश राय बच्चन

पंथ जीवन का चुनौती दे रहा है हर कदम पर, आखिरी मंजिल नहीं होती कहीं भी दृष्टिगोचर, धूलि में लद, स्‍वेद में सिंच हो गई है देह भारी, कौन-सा विश्‍वास मुझको खींचता जाता निरंतर- पंथ क्‍या, पंथ की थकान क्‍या, स्‍वेद कण क्‍या, दो नयन मेरी प्रतीक्षा में खड़े हैं। एक भी संदेश आशा का नहीं देते सितारे, प्रकृति ने …

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दिन जल्दी-जल्दी ढलता है – हरिवंश राय बच्चन

हो जाय न पथ में रात कहीं, मंज़िल भी तो है दूर नहीं – यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है। दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीड़ों से झाँक रहे होंगे – यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है। दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके …

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दिल विल प्यार व्यार मैं क्या जानू रे – मजरूह सुल्तानपुरी

दिल ले लिया है तो इसको मत बेक़रार करना कोई नही है इसका इस दिल को प्यार करना आइय… दिल विल प्यार व्यार मे क्या जानू रे जानू तो जानू बस इतना की मे तुझे अपना जानू रे दिल विल… तू है बुरा तो होगा पर बातो मे तेरी रस है जैसा भी है मुझे क्या अपना लगे तो बस …

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