Tag Archives: Hindi Poems on Motherland

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रविन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविता का हिंदी अनुवाद: रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …

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शिवा-बावनी: कवि भूषण द्वारा शिवाजी की शौर्यगाथा

शिवा-बावनी: कवि भूषण द्वारा शिवाजी की शौर्यगाथा

शिवा बावनी भूषण द्वारा रचित बावन (52) छन्दों का काव्य है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन है। इसमें इस बात का वर्णन है कि किस प्रकार उन्होंने हिन्दू धर्म और राष्ट्र की रक्षा की। शिवा बावनी: महाकवि भूषण द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन भूषण वैसे तो रीति काल …

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स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

स्वामी विवेकानंद के भाषण पर प्रेरणादायक कविता

शिकागो धर्म सम्मेलन, 1893 में दिया गया भाषण स्वामी विवेकानंद पर कविता अमरीकी भाई बहनो कह, शुरू किये जब उद्बोधन। धर्म सभा स्तब्ध हुई थी, सुनकर उनका सम्बोधन॥आया उस प्राचीन देश से, जो संतो की है नगरी। पाया हूँ सम्मान यहाँ जो, भरी हर्ष से मन गगरी॥मेरा है वो धर्म जिसे सब, कहते धर्मो की माता। धरा गगन में होने वाली, हर हलचल …

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झाँसी की रानी: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस कविता

Subhadra Kumari Chauhan Veer Ras Hindi Poem झाँसी की रानी

झाँसी की रानी: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस कविता – Subhadra Kumari Chauhan has authored a number of popular works in Hindi poetry. Her most famous composition is Jhansi Ki Rani, an emotionally charged poem describing the life of Rani Lakshmi Bai. The poem is one of the most recited and sung poems in Hindi literature. This and her …

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ठुकरा दो या प्यार करो: सुभद्रा कुमारी चौहान

ठुकरा दो या प्यार करो: सुभद्रा कुमारी चौहान

देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं। धूमधाम से साज-बाज से वे मंदिर में आते हैं मुक्तामणि बहुमुल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं। ठुकरा दो या प्यार करो: सुभद्रा कुमारी चौहान मैं ही हूँ गरीबिनी ऐसी जो कुछ साथ नहीं लाई फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा …

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सिपाही: वीर जवानों की शहादत पर भावुक कर देने वाली कविता

सिपाही: वीर जवानों की शहादत पर भावुक कर देने वाली कविता

अजय देवगन ने ‘मनोज मुंतशिर’ की नई कविता में बयां किया वीर जवानों की शहादत की भावुक कर देने वाली कहानी बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय का लोहा मनवाने वाले एक्टर अजय देवगन इंडस्ट्री के जाने माने एक्टर हैं। अजय ने अपने करियर में अबतक कई तरह के रोल को पर्दे पर जिया है। अजय न सिर्फ एक अच्छे एक्टर …

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प्रताप की प्रतिज्ञा: श्याम नारायण पांडेय की वीर रस हिंदी कविता

प्रताप की प्रतिज्ञा - श्याम नारायण पांडेय

प्रताप की प्रतिज्ञा: श्याम नारायण पांडेय – Man Singh, a Rajput, ( “Maan” in first line of third stanza) had aligned with Emperor Akbar of Delhi and had attacked Rana Pratap’s kingdom of Mewar. Rana Pratap kept fighting and resisting this assault. His velour and that of his legendary horse “Chetak” has been immortalized by famous poet Shyam Narayan Pandey in …

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कुँआरी मुट्ठी: कन्हैया लाल सेठिया वीर रस कविता

कुँआरी मुट्ठी: कन्हैया लाल सेठिया वीर रस कविता

War has an important role in Nation building. A nation that has not experienced war becomes weaker. War ensures peace. This is the perspective on war provided by the well-known poet Kanhaiyalal Sethia. कुँआरी मुट्ठी: कन्हैया लाल सेठिया युद्ध नहीं है नाश मात्र ही युद्ध स्वयं निर्माता है, लड़ा न जिस ने युद्ध राष्ट्र वह कच्चा ही रह जाता है, …

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पीथल और पाथल: कन्हैयालाल सेठिया की महाराणा प्रताप पर राजस्थानी वीर रस कविता

Kanhaiyalal Sethia Rajasthani Classic Poem about Rana Pratap पीथल और पाथल

पीथल और पाथल: कन्हैयालाल सेठिया – You may have read Shyam Narayan Pandey’s classic epic “Haldighati”. Three excerpts from that great work are available on this site. Many readers had asked me to include a Rajasthani classic poem on the same theme by the great poet Kanhaiyalal Sethia, but I could not find that poem any where. Fortunately one reader …

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