Witty Animal Story of Buffalo and Monkey गोरेपन की क्रीम

Witty Animal Story of Buffalo and Monkey गोरेपन की क्रीम

जब से कल्लो भैंस ने टीवी पर गोरे होने की क्रीम को देखा था, वो बस गोरा होना चाहती थी। उसने अपनी सहेली फूलों भैंस से पूछा – ” क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि तुम भी गोरी हो जाओ?”

फूलो ये सुनकर जोरो से हंसी और बोली – “नहीं, मैं तो जैसी हूँ वैसी ही अच्छी हूँ।”

“ठीक है, जब मैं गोरी हो जाऊं, तो मुझसे जलना मत… कहते हुए कल्लो वहां से चल दी। उन दोनों की बात पेड़ पर बैठा मोंटू बन्दर सुन रहा था। उसे कल्लो की बेवकूफी भरी बातों पर बहुत हंसी आ रही थी, पर शैतानी करना तो उसका काम ही था, इसलिए वो पेड़ की एक डाली से दूसरी पर झूलता हुआ तुरंत कल्लो के पास जाकर खड़ा हो गया।”

“मेरे पास है गोरेपन की क्रीम, अगर तुम्हें चाहिए तो पूरे महीने मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर जंगल में घुमाना पड़ेगा।”

कल्लो उसकी बात सुनकर बहुत खुश हो गई और बोली – “मुझे मंज़ूर है।” तभी कल्लो ने मोंटू को गौर से देखते हुए पूछा – “पर मैं तुम्हारी बात का भरोसा क्यों करुँ?”

मोंटू ने कहा – “देखो, वो तुम्हें पेड़ पर सफ़ेद कौवा दिखाई दे रहा है ना, वो कितने गोरा हो गया।”

फैशन के चक्कर में कल्लो आज भी अपना नज़र का चश्मा घर भूल आई थी।

सफ़ेद कबूतर को देखकर वो उसे कौवा समझ बैठी और हँसते हुए बोली – “मैं तो तुमसे मजाक कर रही थी। लाओ, अब जल्दी से क्रीम दो।” शैतान मोंटू तुरंत अपने घर से एक शीशी में कोल्ड क्रीम भरकर लाया और कल्लो को दे दी।

कल्लो सफ़ेद कबूतर को देखती हुई खुश हो रही थी कि वो भी बहुत जल्दी इतनी ही गोरी हो जायेगी।

उसने मोंटू की तरफ देखते हुए बड़े ही प्यार से कहा – “तुम बहुत अच्छे हो मोंटू।”

“खीखीखी, हँसते हुए मोंटू ने कहा – “पर अपना वादा ना भूलना। मुझे कल से ही पीठ पर बैठाकर सैर करानी है।”

“मैं सुबह ही आ जाऊँगी।” कल्लो मुस्कुराकर बोली और ख़ुशी ख़ुशी वहाँ से चल दी  कल्लो ने घर जाते ही पूरे शरीर पर कोल्ड क्रीम मलना शुरू कर दी। दूसरे दिन सुबह कल्लो मोंटू के पास पहुंची और उसे अपनी पीठ पर बैठाकर सैर कराती रही।

कुछ ही दिन में वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए।

मोंटू रसीले फ़ल तोड़ता और कल्लो को दिए बिना ना खाता।

एक दिन कल्लो नदी में अपनी परछाई देखकर बोली – “मोंटू, लगता है क्रीम नकली थी। मेरा रंग तो पहले जैसा ही है।”

मोंटू ने सर नीचे करते हुए कोल्ड क्रीम और सफ़ेद कबूतर वाली सारी बात बता दी और दुखी होते हुए बोला-“अब क्या तुम मुझसे कभी बात नहीं करोगी?”

कल्लो जो अब तक बड़े ही गौर से मोंटू के बातें सुन रही थी, ठहाका मारकर हँसते हुए बोली – “अरे वाह, क्यों नहीं करुँगी? तुम तो मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो। मुझे खुद ही समझना चाहिए था कि वो तो सिर्फ़ विज्ञापन था।”

मोंटू बोला – “उस विज्ञापन की अच्छी बात ये थी कि उसने हम दोनों को बेस्ट फ्रेंड बना दिया।”

“क्यों नहीं भला तुम जैसा दोस्त मुझे कहाँ मिलेगा?” कहते हुए कल्लो मुस्कुराने लगी। घर लौटते समय कल्लो को मोंटू पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वो सोच रही थी-“मेरी ही पीठ पर लदकर केले खाते हुए आराम से सारे जंगल की मुफ़्त में सैर करता रहा। ऐसा मजा चखाउंगी बच्चू को, जीवन भर याद रखेगा।”

उस रात कल्लो को नींद ही नहीं आई। वो सोचती रही कि मोंटू से कैसे बदला लिया जाए। सुबह होते-होते उसके दिमाग में एक नटखट आईडिया आ ही गया। वो फटाफट क्रीम पावडर लगाकर और तैयार होकर मोंटू के पास पहुंची और बोली – “तुम्हें पता है, झुमरू भालू को आजकल साफ सफाई कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गई है। दिन हो या रात बस उसका मन नहाने को ही करता रहता है।”

“पर उसे तो नहाने से सख्त चिढ़ है?” मोंटू एक डाल से दूसरी डाल पर झूलते हुए बोला।

“चिढ़ थी, पर जब से उसने “नहाने के एक हज़ार एक फ़ायदे फायदे” पढ़ लिए है वो बस तालाब के किनारे ही चक्कर काटा करता है। वहीँ रहता है और तालाब के किनारे हरी घास पर आराम से लेटता है, कुछ देर धूप में बैठकर अपने बाल सुखाता है और फ़िर वापस नहाने लगता है।”

“तो क्या हुआ, हम दोनों है ना, हम दोनों भला किस दिन काम आएंगे”? कल्लो ने मुस्कुराते हुए कहा।

“हम दोनों मिलकर उसके ऊपर वहीँ पर पानी डाल देंगे फ़िर झुमरू हमारा सबसे अच्छा दोस्त बन जाएगा और हमें ढेर सारा स्वादिष्ट शहद भी खाने के लिए देगा।” कल्लो ने मुस्कुराते हुए कहा।

शहद का नाम सुनते ही मोंटू के मुंह में पानी आ गया वो तुरंत कल्लो के साथ झुमरू को नहलाने के लिए तैयार हो गया।

पेड़ के पास पहुंचकर कल्लो बोली – “देखो बेचारा कितनी देर से आसमान की ओर ताककर बादलों का रास्ता देख रहा है, पर कहीं पानी ही नहीं बरस रहा।”

मोंटू तो वैसे ही शैतान था। एक से बढ़कर एक खुराफाती बातें उसके दिमाग में आती ही रहती थी, इसलिए वो तुरंत बोला – “मैं पेड़ के ऊपर से पानी से भरी बाल्टी नीचे पलट दूंगा, इससे झुमरू को लगेगा कि वो फव्वारे में नहा रहा है।”

कल्लो मोंटू की मूर्खतापूर्ण बात सुनकर किसी तरह अपनी हंसी दबाते हुए बोली – “हां, सच में बड़ा मज़ा आएगा झुमरू को… शायद वो तुम्हें
रोज़ ही शहद खिला दे। अब मैं पानी की बाल्टी लाती हूँ और तुम फटाफट ऊपर वाली डाली पर चढ़कर उसे झुमरू के ऊपर पलट देना।”

“जल्दी लाओ, अब मुझसे रुक नहीं जा रहा है।”

कल्लो हंसती हुई गई ओर थोड़ी ही देर में पानी से भरी बाल्टी लाकर मोंटू को पकड़ा दी।

मोंटू फटाफट पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर चढ़ गया ओर उसने झुमरू के ऊपर सारा पानी गिरा दिया।

झुमरू के मुंह पर बाल्टी भर पानी पड़ते ही उसके कुछ समझ नहीं आया और वो पूरा भीगा हुआ इधर उधर पागलों जैसा दौड़ने लगा।

“हा हा हा… नहला दिया, झुमरू को नहला दिया, अब तो मैं शहद खाऊँगा।” कहते हुए मोंटू तुरंत नीचे उतर कर आ गया।

झुमरू का गुस्सा सातवे आसमान पर था, वो चिल्लाया -“रूक जा मोंटू, आज तू मेरे हाथों से नहीं बच पायेगा।”

मोंटू ने घबराते हुए कल्लो को देखा जो दूर खड़ी जोर जोर से हँस रही थी।

मोंटू को सारा माजरा समझ में आ गया और वो सर पर पैर रखकर तेजी से भागा।

मोंटू के पीछे पीछे झुमरू चिल्लाता हुआ जा रहा था – “अपना शहद तो ले जा मोंटू।”

पर इस घटना के बाद अब तालाब के किनारे सिर्फ मोंटू और कल्लो ही नहीं बल्कि झुमरू भी बैठता खूब हँसता था आखिर अब वे तीनो पक्के दोस्त जो बन गए थे।

डॉ. मंजरी शुक्ल

Check Also

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari Biography: Early Life, Political Career, Achievements

Nitin Gadkari is the current Minister for Road Transport & Highway in the Government of …