रंग बदलते फूल Hindi Wisdom Story about Flowers

रंग बदलते फूल Hindi Wisdom Story about Flowers

नीरज के दरवाजे खोलते ही उसे लगभग धकियाता हुआ वो अंदर पहुँच गया और बोला – “कहीं सारा जादू सिखा तो नहीं दिया?”

“नहीं, नहीं… भला तुम्हारे बिना हम लोग कोई जादू कैसे कर सकते थे?”

“ये लो दो सफ़ेद गुलाब।”

“हाँ… ठीक है अब तुम चुपचाप इस कुर्सी पर बैठ जाओ” कहते हुए सोनू ने एक ओर इशारा किया।

सभी दोस्तों के बैठने के बाद सोनू ने उन दोनों गुलाबो की डंठल को दो स्टील के गिलासों में डाल दिया और फ़िर अपना हाथ हिलाकर कुछ मंत्र पढ़ने लगा।

राजीव बहुत गौर से सोनू को देख रहा था तभी सोनू बुदबुदाता हुआ बोला-“क्या तीन – चार घंटे… ठीक है ठीक है।”

फिर वो अपने दोस्तों से बोला – “तीन-चार घंटे लगेंगे इनका रंग बदलने में… तब तक हम लोग खूब मस्ती करते है।”

“पर मैं ये कमरा छोड़कर कहीं नहीं जाऊँगा।” राजीव गुलाबों की ओर ताकता हुआ बोला।

“ठीक है..हम इसी कमरे में खेलेंगे”।

और फ़िर सनेक्स खाते हुए, कैरम, शतरंज और लूडो खेलते कब समय बीत गया वो जान ही नहीं पाये।

अचानक राजीव की नज़र फूलों पर पड़ी तो वो आश्चर्य से चीखा -“अरे.. ये गुलाब तो लाल और नीले हो गए।”

ख़ुशी के मारे जब उसे कुछ समझ में नहीं आया तो उसने दौड़कर सोनू को गले से लगा लिया।

सभी दोस्त हँसते हुए ताली बजाने लगे।

“मैं… मैं सारे फूल दे दूँगा तुम सबको… पर बता दो कि ये जादू कैसे किया?”

“हा हा – ये जादू नहीं विज्ञान का चमत्कार है।”… सोनू हँसता हुआ बोला।

“नहीं नहीं… तुम मुझे जादू सिखाना नहीं चाहते।” कहते हुए राजीव रुआंसा हो गया।

“ओह… इधर आओ। ये देखो…और सोनू ने उन स्टील के ग्लास का पानी कांच के गिलासों में पलट दिया।

“ये नीले और लाल रंग का पानी!”

“हाँ… ये नीला और लाल खाने वाला रंग है, जो मैंने पानी में मिलाया है।”

“पर इनसे सफ़ेद फूल कैसे रंगीन हो गए ?”

“बताता हूँ… जैसा कि हम सब जानते है कि फूलों की डंठल में बहुत सारी पतली नलियाँ होती है। केपिलरी एक्शन के कारण सुषम छिद्रों के जरिए पानी नीचे से होता हुआ डंठल और फ़िर पत्तियों तक पहुँच जाता है। यहाँ रंगीन पानी के कारण यहीं पानी पत्तियों तक पहुँच गया और सफ़ेद फूल रंगीन हो गया गये।”

“अरे वाह… कहते हुए सभी बच्चों ने ख़ुशी के मारे सोनू को गले से लगा लिया।” इसीलिए कहता हूँ कि ख़ाली समय में मेरी तरह किताबें पढ़ा करो ताकि तुम सबकी भी जानकारी बढ़ें।” सोनू ने हँसते हुए कहा।

राजीव मोहित का हाथ पकड़ते हुए बोला -“मुझे माफ़ कर दो, तुम जितने चाहे अब मैं तुम सबको उतने फूल दूँगा।”

“नहीं नहीं..हम तो खुद ही पेड़ पौधों को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते। पौधे पर लगा फूल कितना खूबसूरत लगता है।”

“हाँ… हम तो सिर्फ़ उन फूलों को ही लेंगे, जो ज़मीन पर गिर जाते है”।

“तो चलो मेरे साथ अभी।”

“कहाँ?”

“अरे मेरे बगीचे में… आज ही दो काले गुलाब खिले है।”

” काले गुलाब!” वाह…अभी चलते है…

तभी नीरज बोला – “अरे अपने ये दो रंगीन गुलाब तो ले जा।”

राजीव ने हँसते हुए वो दोनों गुलाब मोहित के हाथ में पकड़ाए और उसे गले से लगा लिया।

कमरे में एक जोरदार हँसी गूंज उठी, जिसमें आज सभी दोस्तों शिकवे शिकायत हमेशा के लिए कहीं गायब हो चुके थे।

डॉ. मंजरी शुक्ल

Check Also

BINU DANCE OF BAHAG BIHU

Bohag Bihu Festival Information: Assam Festival Rongali Bihu

Bohag Bihu Festival Information: The Rongali Bihu is the most important among all the three …