Inspirational Animal Story For Kids: Chakmak Rat चकमक चूहा

Inspirational Animal Story For Kids: Chakmak Rat चकमक चूहा

चकमक ने लड़के को गौर से देखा और सोचा कि वो तो सुबह से इस लड़के के साथ हैं और शाम होने के बावजूद भी कुछ ही गुब्बारे बिकने के कारण उस लड़के की हथेली में चंद पैसे ही आए थे शायद इसलिए उसने अब तक कुछ नहीं खाया था।

तभी चकमक का दोस्त टीटू डर के मारे थरथराते हुए बोला – “सामने मुंडेर पर बिल्ली…” और आगे की आवाज़ उसके हलक में ही घुट के रह गई।

गुब्बारों के बारें में सोचते हुए उनमें से किसी का भी ध्यान सामने ही मुंडेर पर बैठी बिल्ली पर नहीं गया था। इसलिए जैसे ही चकमक और उसके दोस्तों की नज़र बिल्ली पर पड़ी, उनके होश ही उड़ गए।

ना जाने कितनी देर से मोटी बिल्ली होंठो पर जीभ फेरते हुए उन पर अपनी नज़रें गड़ाए बैठी थी और सभी को ललचाई नज़रों से देख रही थी।

चकमक जानता था कि अब भागने से भी कोई फायदा नहीं क्योंकि वो उनके भागते ही वो किसी ना किसी को तो पकड़ कर चट कर ही जाएगी।

तभी उस लड़के की नज़र उन सभी पर पड़ी और वो बड़े ही प्यार से बोला – “मेरे पास तो तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं हैं…” और ये कहता हुआ वो लड़का उनके पास बैठ गया और ज़मीन पर पड़ा चिप्स का टुकड़ा तोड़कर उनके आगे डालने लगा। और कोई दिन होता तो चिप्स के टुकड़े के लिए सब आपस में लड़ मरते पर आज तो सभी बिल्ली के डर के मारे काँप रहे थे किसी ने उस टुकड़े तरफ देखा तक नहीं।

तभी एक आदमी उस लड़के से गुब्बारा खरीदने आया और उसने नीले रंग का गुब्बारा लिया। वो लड़का उसे पैसे वापस करने के लिए अपने नन्ही हथेली में पैसे गिनने लगा, तभी उस लड़के की नज़र मुंडेर पर बैठी बिल्ली पर पड़ी और उसने पैर के पास में ही पड़ा पत्थर उठाकर बिल्ली की तरफ़ उछाला, जिससे बिल्ली डरकर भाग गई और चकमक और उसके दोस्तों की जान में जान आ गई। इतनी देर में हाथ में नीले गुब्बारें पकड़े हुए उस आदमी ने इधर उधर देखा और किसी को भी अपनी और ना देखते हुए डंडे से गुब्बारे के पैकेट को खींच लिया। वो ये नहीं देख पाया था कि चकमक और उसके दोस्त गुस्से से उसकी चोरी को देख रहे थे। जैसे ही वो पैकेट अपनी जेब में रखने को हुआ चकमक ने जोर से उसके पैर में काटा। दर्द से चीखते हुए गुब्बारे का पैकेट उस आदमी के हाथ से छूट गया। वो लड़का जब तक कुछ समझ पाता, वो आदमी वहाँ से चीखता चिल्लाता हुआ भाग गया।

उस लड़के ने अपना गुब्बारे का पैकेट उठाकर पोंछते हुए अपनी कमीज की पॉकेट में रख लिया।

चकमक और उसके दोस्तों की आखों में भी शर्मिंदगी के भाव थे। चकमक अपने दोस्तों से बोला – “ये लड़का सुबह से शाम तक भूखे प्यासे रहकर मेहनत से काम कर रहा हैं और एक हम लोग हैं जो उस आदमी की तरह इसके गुब्बारे चोरी करना चाहते थे।”

“हाँ… अब हम किसी को तंग नहीं करेंगे।” टीटू उसकी हाँ में हाँ मिलाता हुआ बोला।

शाम घिर आई थी और अँधेरा होने को था इसलिए वो लड़का वहाँ से चल दिया पर ये अँधेरा चकमक और उसके दोस्तों के लिए एक चमकीली सुबह लेकर आया था…

~ डॉ मंजरी शुक्ला

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