Lord Krishna Quiz – 10 Questions
Your Score:
Your Ranking:
जन्माष्टमी धार्मिक महत्व व पूजन विधि
रोहिणी नक्षत्र
भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की जिस अष्टमी को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था उस रात रोहिणी नक्षत्र की शुभ घड़ी थी। जिस वर्ष यह संयोग होता है उस वर्ष की जन्माष्टमी को बहुत ही शुभफलदायक माना जाता है। भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन की सारे कष्टों को दूर करते हैं।
भगवान का श्रृंगार
भगवान कृष्ण के श्रृंगार में फूलों के प्रयोग का महत्व बहुत ज्यादा है। फूलों में भी अगर वैजयंती के फूलों से प्रभु का श्रृंगार किया जाए तो भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं। भगवान के श्रृंगार में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पीले रंग के वस्त्र और चंदन की माला से भगवान का श्रृंगार करना चाहिए।
प्रसाद होना चाहिए ऐसा
कृष्ण जन्माष्टमी के भोग में खीरे का होना अनिवार्य माना जाता है। इसके अलावा 5 फल, मेवा, पंजीरी, पकवान और सबसे महत्वपूर्ण माखन मिश्री का होना जरूरी माना जाता है।