उठो लाल अब आँखें खोलो - सोहनलाल द्विवेदी

उठो लाल अब आँखें खोलो – सोहनलाल द्विवेदी

उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लायी हूँ मुंह धो लो।

बीती रात कमल दल फूले,
उसके ऊपर भँवरे झूले।

चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे,
बहने लगी हवा अति सुंदर।

नभ में प्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई।

भोर हुई सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया।

नन्ही नन्ही किरणें आई,
फूल खिले कलियाँ मुस्काई।

इतना सुंदर समय मत खोओ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ।

सोहनलाल द्विवेदी

आपको सोहनलाल द्विवेदी जी की यह कविता “उठो लाल अब आँखें खोलो” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …