कुछ न हम रहे - श्रीकृष्ण तिवारी

कुछ न हम रहे – श्रीकृष्ण तिवारी

अपने घर देश में
बदले परिवेश में
आँधी में उड़े कभी लहर में बहे
तिनकों से ज़्यादा अब कुछ न हम रहे।

चाँद और सूरज थे हम,
पर्वत थे, सागर थे हम,
चाँदी के पत्र पर लिखे,
सोने के आखर थे हम,
लेकिन बदलाव में,
वक़्त के दबाव में,
भीतर ही भीतर कुछ इस तरह ढहे
खंडहर से ज़्यादा अब कुछ न हम रहे।

दूब और अक्षत थे हम,
रोली थे, चंदन थे हम,
हर याचक रूप के लिये,
आदमकद दर्पण थे हम,
बुद्ध के निवेश में,
गांधी के देश में,
सड़कों से संसद तक चीखते रहे
नारों से ज़्यादा अब कुछ न हम रहे।

∼ श्रीकृष्ण तिवारी

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …