जब दीप जले आना: रविन्द्र जैन का लोकप्रिय फ़िल्मी गीत

जब दीप जले आना: रविन्द्र जैन का लोकप्रिय फ़िल्मी गीत

जब दीप जले आना गीत चितचोर 1976 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म से है। यह बासु चटर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म ताराचंद बड़जात्या द्वारा निर्मित एक राजश्री प्रोडक्शन्स फिल्म है। यह सुबोध घोष की एक बंगाली कहानी, चित्ताचोर पर आधारित है। के॰ जे॰ येशुदास और मास्टर राजू ने इस फिल्म के लिये 1976 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।

जब दीप जले आना: चितचोर फिल्म से लोकप्रिय फ़िल्मी गीत

जब दीप जले आना, जब शाम धले आना
संदेस मिलन का भूल ना जाना मेरा प्यार ना बिसराना
जब दीप…

मै पलक डगर बुहारुगा
तेरी राह निहारूगा
मेरी प्रीत का काजल तुम अपने नैनो मे मेल आना
जब दीप…

जहा पहेली बार मिले थे हम
जिस जगह से संग चले थे हम
नदिया के किनारे आज उस्सी
अम्बुआ के टेल आना
जब दीप…

नित सांझ सवेरे मिलते है
उन्हे देखके तारे खिलते है
लेते है वडा एक दूजे से कहते है चले आना
जब दीप जले आना

रविन्द्र जैन

चित्रपट: चितचोर (१९७६)
गीतकार: रविन्द्र जैन
संगीतकार: रविन्द्र जैन
गायक: येसुदास, हेमलता
सितारे: अमोल पालेकर, ज़रीना वहाब, विजयेंद्र घाटगे, मास्टर राजू

रवीन्द्र जैन: संगीतकार और गीतकार

रवीन्द्र जैन (28 फरवरी 1944 – 9 अक्टूबर, 2015) हिन्दी फ़िल्मों के जाने-माने संगीतकार और गीतकार थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत फ़िल्म सौदागर से की थी जिसमें इन्होंने गीत भी लिखे थे और उनको स्वरबद्ध भी किया था। इन्हें सन् १९८५ में फ़िल्म राम तेरी गंगा मैली के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार भी मिला है। वर्ष २०१५ में उनको पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारतीय टेलीविज़न के मीलपत्थर कहे जाने वाले रामानंद सागर द्वारा निर्देशित धारावाहिक रामायण में भी उन्होंने ही संगीत दिया था जिससे कि वे भारत के घर घर में पहचाने जाने लगे।

9 अक्टूबर, 2015 शुक्रवार को मुंबई में उनका निधन हो गया। रविंद्र जैन को भारतीय सिनेमा जगत में कुछ सबसे खूबसूरत, कर्णप्रिय और भावपूर्ण गीतों के लिए उन्हें हमेशा जाना जाता रहेगा।

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