
घर की मुखिया दादी माँ।
बाहर से झगड़ा कर आते,
तब गोद में छुपाती दादी माँ।
मम्मी जब पीटने आती,
तब बचाती दादी माँ।
अपने हिस्से की चीजें,
हमें खिलाती दादी माँ।
रात को बिस्तर में बिठाकर,
कहानी सुनाती दादी माँ।
औरत-मर्द सब बाहर जाते,
घर में रहती दादी माँ।
मंदिर जैसे भगवान बिना,
घर जैसे बिन दादी माँ।