पेरिस के शिक्षक सैमुअल पैटी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

पेरिस के शिक्षक सैमुअल पैटी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

पेरिस: फ़्रांस ने की मृतक शिक्षक को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ला लिगियन डी ऑनर’ देने की घोषणा

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने इस घटना पर रोष जताते हुए कहा था, “यह एक इस्लामी आतंकवादी हमला है। देश के हर नागरिक को इस चरमपंथ के विरोध में एक साथ आगे आना होगा। इसे किसी भी हालत में रोकना ही होगा क्योंकि यह हमारे देश के लिए बड़ा ख़तरा साबित हो सकता है।”

पेरिस में आतंकी घटना में जान गँवाने वाले 47 वर्षीय इतिहास के शिक्षक सैमुअल पैटी (Samuel Patty) को फ्रांस ने अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने का फैसला किया है। यह घोषणा मंगलवार (अक्टूबर 20, 2020) की सुबह बीएफएम टीवी को दिए एक इंटरव्यू में वहाँ के शिक्षा मंत्री जीन-मिशेल ब्लैंकर (Jean-Michel Blanquer) ने की है। इस सर्वोच्च पुरस्कार का नाम ‘ला लिगियन डी ऑनर’ (Legion d’Honneur) है।

बता दें कि पेरिस में पिछले शुक्रवार (अक्टूबर 16, 2020) को सैम्युल पैटी नामक शिक्षक की हत्या की गई थी। उनकी गलती बस ये थी कि उन्होंने क्लास के दौरान ‘शार्ली एब्दो (Charlie Habdo)’ अख़बार में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया, जिसके बाद एक लड़के ने दिन दहाड़ें उनका सिर कलम कर के उनकी हत्या कर दी। बाद में पुलिस ने भी हत्यारे छात्र को मार गिराया।

सैमुअल पैटी को फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान

पड़ताल में पता चला कि उसने एक किचेन नाइफ का प्रयोग करते हुए शिक्षक का सिर कलम किया। पुलिस ने जानकारी दी कि इस घटना की जाँच एंटी-टेरर जज द्वारा की जा रही थी। पुलिस ने बताया है कि हत्यारा मॉस्को चेचन्या मूल का मुस्लिम था।

मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने अब तक इस संबंध में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें 4 स्कूल के छात्र हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस ने सोमवार को 40 जगहों पर रेड भी मारी है। शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या की निंदा हर ओर से की जा रही है। शार्ली एब्दो (Charlie Habdo) की ओर से भी मृतक के परिवार के साथ संवेदनाएँ व्यक्त की गई।

ग़ौरतलब हो कि शिक्षक की हत्या करने वाले ‘छात्र’ की उम्र महज 18 साल थी। रिपोर्ट्स में घटना को लेकर बताया गया कि 47 वर्षीय इतिहास-भूगोल के प्रोफेसर स्कूल में क्लास ले रहे थे। फ्राँस में ये दोनों ही विषय साथ में ही पढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा उन्हें ‘नैतिक और व्यवहार विषयक शिक्षा’ का भी दायित्व सौंपा गया था। क्लास में सारे विद्यार्थी लगभग 12-14 वर्ष के थे। क्लास के दौरान ही शिक्षक ने ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ (FoE) के बारे में समझाते हुए ‘शार्ली एब्दो (Charlie Habdo)’ में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया।

इसके बाद कई छात्रों के परिवार इससे नाराज़ हो गए और उन्होंने पुलिस में औपचारिक शिकायत दायर की। ‘नाराज’ आरोपित ने उक्त शिक्षक पर हमला बोल दिया और उन्हें मार डाला। उसने हमले की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया। स्थानीय पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों को इस पर सूचित किया कि पेरिस सबअर्ब स्थित य्वेलिनेस कंफ्लॉस-सेंट-हॉरोनिन में एक लाश मिली है। ये इलाका पेरिस के नार्थ-वेस्ट में स्थित है।

इसके बाद पुलिस ने तत्काल हत्यारे का पीछा करना शुरू किया और उस पर कई गोलियाँ दागी गईं। पुलिस द्वारा कई बार चेतावनी देने के बावजूद उसने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया और उल्टा पुलिस को धमकी भी दी। उसने Suicide वेस्ट भी पहन रखा था, जिस कारण पुलिस को उस पूरे एरिया को सील करना पड़ा। शिक्षक का हत्यारा ‘अल्लाहु अकबर’ भी चिल्ला रहा था।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने इस घटना पर रोष जताते हुए कहा था, “यह एक इस्लामी आतंकवादी हमला है। देश के हर नागरिक को इस चरमपंथ के विरोध में एक साथ आगे आना होगा। इसे किसी भी हालत में रोकना ही होगा क्योंकि यह हमारे देश के लिए बड़ा ख़तरा साबित हो सकता है।”

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