इंतजार By Rajiv Krishna Saxena

इंतजार – मनु कश्यप

जिंदगी सारी कटी
करते करते इंतजार
सिर्फ अब बढती उम्र मेँ
इंतजार का एहसास ज्यादा है।

इंतजार पहले भी था पर
जवानी की उमंगों में
वह कुछ छिप जाता था
ज्यादा नजर नहीँ आता था
पर अब छुपने वाला पर्दा
गायब हो चुका है
और अब घूरता है हमेँ
शुबह शाम
हर पल
लगातार
इंतजार।

इच्छा है तो इंतजार है
इंतजार खत्म तो
शांत जीवन
पल पल इन्तेजार मुक्त जीवन।

मैँ अक्सर मन से पूछता हूँ
किस चीज की इच्छा करता है
पर वह साफ़ नकार देता है
पर सच तो यह है कि
वह छिपता है
बताने मेँ शर्माता है
सच तो यह है कि इच्छाएं हैं अभी भी
ढेर सारी
और इसी लिये इंतजार भी है।

मैं मन से कहता हूं
सुन, अब जीवन बाकी है एक आध दशक
क्या करना इच्छाएं पाल के
अब तो विदाई ही सोच
बांध सामान
वह हां में हां मिलाता है
पर फिर भी छुप छुप कर
पालता  ही जाता है
इच्छाएं हजार
और मेरे पल्ले पड़ता है
इंतजार
सिर्फ इंतजार।

~ मनु कश्यप

About Rajiv Krishna Saxena

प्रो. राजीव कृष्ण सक्सेना - जन्म 24 जनवरी 1951 को दिल्ली मे। शिक्षा - दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में। एक वैज्ञानिक होने पर भी प्रोफ़ेसर सक्सेना को हिंदी सहित्य से विशेष प्रेम है। उन्होंने श्रीमद भगवतगीता का हिंदी में मात्राबद्ध पद्यानुवाद किया जो ''गीता काव्य माधुरी'' के नाम से पुस्तक महल दिल्ली के द्वारा प्रकाशित हुआ है। प्रोफ़ेसर सक्सेना की कुछ अन्य कविताएँ विभिन्न पत्रिकाओं मे छप चुकी हैं। उनकी कविताएँ लेख एवम गीता काव्य माधुरी के अंश उनके website www.geeta-kavita.com पर पढ़े जा सकते हैं।

Check Also

Weekly Bhavishyafal

साप्ताहिक भविष्यफल मई 2024: पंडित असुरारी नन्द शांडिल्य

साप्ताहिक भविष्यफल मई 2024: पंडित असुरारी नन्द शांडिल्य: एस्ट्रोलॉजिकल बर्थ चार्ट के अनुसार ज्योतिष का …