इतिहास की परीक्षा – ओम प्रकाश आदित्य

इतिहास परीक्षा थी उस दिन‚ चिंता से हृदय धड़कता था,
थे बुरे शकुन घर से चलते ही‚ बाँया हाथ फड़कता था।

मैंने सवाल जो याद किये‚ वे केवल आधे याद हुए,
उनमें से भी कुछ स्कूल तलक‚ आते आते बर्बाद हुए।

तुम बीस मिनट हो लेट‚ द्वार पर चपरासी ने बतलाया,
मैं मेल–ट्रेन की तरह दौड़ता कमरे के भीतर आया।

पर्चा हाथों में पकड़ लिया‚ आंखें मूंदीं टुक झूम गया,
पढ़ते ही छाया अंधकार‚ चक्कर आया सिर घूम गया।

यह सौ नंबर का पर्चा है‚ मुझको दो की भी आस नहीं,
चाहे सारी दुनियां पलटे‚ पर मैं हो सकता पास नहीं।

ओ प्रश्न–पत्र लिखने वाले‚ क्या मुंह लेकर उत्तर दें हम,
तू लिख दे तेरी जो मर्जी‚ ये पर्चा है या एटम बम।

तूने पूछे वे ही सवाल‚ जो–जो थे मैंने रटे नहीं,
जिन हाथों ने ये प्रश्न लिखे‚ वे हाथ तुम्हारे कटे नहीं।

फिर आंख मूंद कर बैठ गया‚ बोला भगवान दया कर दे,
मेरे दिमाग में इन प्रश्नों के उत्तर ठूँस ठूँस भर दे।

मेरा भविष्य है खतरे में‚ मैं झूल रहा हूं आँय बाँए,
तुम करते हो भगवान सदा‚ संकट में भक्तों की सहाय।

जब ग्राह ने गज को पकड़ लिया‚ तुमने ही उसे बचाया था,
जब द्रुपद–सुता की लाज लुटी‚ तुमने ही चीर बढ़ाया था।

द्रौपदी समझ करके मुझको‚ मेरा भी चीर बढ़ाओ तुम,
मैं विष खा कर मर जाऊंगा‚ वर्ना जल्दी आ जाओ तुम।

आकाश चीर कर अंबर से‚ आई गहरी आवाज़ एक,
रे मूढ़ व्यर्थ क्यों रोता है‚ तू आंख खोल कर इधर देख।

गीता कहती है कर्म करो‚ फल की चिंता मत किया करो,
मन में आए जो बात उसी को‚ पर्चे पर लिख दिया करो।

मेरे अंतर के पाट खुले‚ पर्चे पर कलम चली चंचल,
ज्यों किसी खेत की छाती पर‚ चलता हो हलवाहे का हल।

मैंने लिक्खा पानीपत का‚ दूसरा युद्ध था सावन में,
जापान जर्मनी बीच हुआ‚ अट्ठारह सौ सत्तावन में।

लिख दिया महात्मा बुद्ध महात्मा गांधी जी के चेले थे,
गांधी जी के संग वचपन में वे आंख–मिचौली खेले थे।

राणा प्रताप ने गौरी को‚ केवल दस बार हराया था,
अकबर ने हिंद महासागर‚ अमरीका से मंगवाया था।

महमूद गजनवी उठते ही‚ दो घंटे रोज नाचता था,
औरंगजेब रंग में आकर‚ औरों की जेब काटता था।

इस तरह अनेको भावों से‚ फूटे भीतर के फव्वारे,
जो–जो सवाल थे याद नहीं‚ वे ही पर्चे पर लिख मारे।

हो गया परीक्षक पागल सा‚ मेरी कॉपी को देख देख,
बोल इन सब छात्रों में‚ बस होनहार है यही एक।

औरों के पर्चे फेंक दिये‚ मेरे सब उत्तर छांट लिये,
ज़ीरो नंबर दे कर बाकी के सारे नंबर काट लिये।

∼ ओम प्रकाश आदित्य

About 4to40.com

Check Also

देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ थानेसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ थानेसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

Shri Devikoop Bhadrakali Shaktipeeth Temple is situated on the Jhansa Road in the town of …