Baal Gopal

बाल गोपाल – राम प्रसाद शर्मा

खेलें आँगन बाल गोपाल,
नाचें-कूदें गलबहियां डाल।

तरह-तरह के साज बजाएं,
देशप्रेम के गीत गाएं।

झगड़ा-टंटा करे न भाई,
मन में इनके हो सच्चाई।

खेल-खेल में धूम मचाएं,
एक स्वर से गाना गाएं।

आँखों के बन जाएँ तारें,
तब तो होंगे पो वारे।

कहे ‘प्रसाद’ देखो खेल,
कैसे बढ़ता इनका मेल।

∼ राम प्रसाद शर्मा

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