Navratri Aarti Songs
Navratri Aarti [1] जय अम्बे गौरी मैया
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को,
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै,
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी,
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती,
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी,
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों,
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी,
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
Navratri Aarti [II] माँ जय आद्य शक्ति
जय आद्य शक्ति
माँ जय आद्य शक्ति
अखंड ब्रहमाण्ड दिपाव्या
पनावे प्रगत्य माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
द्वितीया मे स्वरूप शिवशक्ति जणु
माँ शिवशक्ति जणु
ब्रह्मा गणपती गाये
ब्रह्मा गणपती गाये
हर्दाई हर माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
तृतीया त्रण स्वरूप त्रिभुवन माँ बैठा
माँ त्रिभुवन माँ बैठा
दया थकी कर्वेली
दया थकी कर्वेली
उतरवेनी माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
चौथे चतुरा महालक्ष्मी माँ
सचराचल व्याप्य
माँ सचराचल व्याप्य
चार भुजा चौ दिशा
चार भुजा चौ दिशा
प्रगत्य दक्षिण माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
पंचमे पन्चरुशी पंचमी गुणसगणा
माँ पंचमी गुणसगणा
पंचतत्व त्या सोहिये
पंचतत्व त्या सोहिये
पंचेतत्वे माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
षष्ठी तू नारायणी महिषासुर मार्यो
माँ महिषासुर मार्यो
नर नारी ने रुपे
नर नारी ने रुपे
व्याप्य सर्वे माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
सप्तमी सप्त पाताळ संध्या सावित्री
माँ संध्या सावित्री
गऊ गंगा गायत्री
गऊ गंगा गायत्री
गौरी गीता माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
अष्टमी अष्ट भुजा आई आनन्दा
माँ आई आनन्दा
सुरिनर मुनिवर जनमा
सुरिनर मुनिवर जनमा
देव दैत्यो माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
नवमी नवकुळ नाग सेवे नवदुर्गा
माँ सेवे नवदुर्गा
नवरात्री ना पूजन
शिवरात्रि ना अर्चन
किधा हर ब्रह्मा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
दशमी दश अवतार जय विजयादशमी
माँ जय विजयादशमी
रामे रावण मार्या
रामे रावण मार्या
रावण मार्यो माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
एकादशी अगियार तत्य निकामा
माँ तत्य निकामा
कालदुर्गा कालिका
कालदुर्गा कालिका
शामा ने रामा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
बारसे काला रूप बहुचरि अंबा माँ
माँ बहुचरि अंबा माँ
असुर भैरव सोहिये
काळ भैरव सोहिये
तारा छे तुज माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
तेरसे तुलजा रूप तू तारुणिमाता
माँ तू तारुणिमाता
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
गुण तारा गाता
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे
शिवभक्ति नि आरती जे कोई गाये
माँ जे कोई गाये
बणे शिवानन्द स्वामी
बणे शिवानन्द स्वामी
सुख सम्पति ध्यसे
हर कैलाशे जशे
माँ अंबा दुःख हरशे
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे