Tag Archives: Top 10 Life And Time Poems in Hindi

पिता की भावनाएं Father’s Day Special Hindi Poem

पिता की भावनाएं Father's Day Special Hindi Poem

पिता की भावनाएं: निशीथ द्विवेदी फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। भारत और अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है। यह माता के सम्मान हेतु मनाये …

Read More »

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए Father’s Day Funny Hindi Song

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए: आनंद बक्षी

ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए: आनंद बक्षी ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए गाना आये या ना आये गाना चाहिए बेटा बजाओ ताली गाते हैं हम कव्वाली बजने दो एक तारा छोड़ो ज़रा फव्वारा ये बाल्टी उठाओ ढोलक इसे बनाओ बैठे हो क्या ये लेकर ये घर है या है थिएटर पिक्चर नहीं है जाना बाहर नहीं है आना …

Read More »

काका हाथरसी के दोहे

काका हाथरसी के दोहे

सन १९०६ में हाथरस में जन्मे काका हाथरसी (असली नाम: प्रभुनाथ गर्ग) हिंदी व्यंग्य के मूर्धण्य कवि थे। उनकी शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही, आज भी अनेकों लेखक और व्यंग्य कवि काका की रचनाओं की शैली अपनाकर लाखों श्रोताओं और पाठकों का मनोरंजन कर रहे हैं। व्यंग्य का मूल उद्देश्य लेकिन मनोरंजन नहीं …

Read More »

चांद पर मानव: काका हाथरसी

This poem was written by Kaka Hathrasi, when man had for the first time reached on moon. Big deal! Many thought. चांद पर मानव: काका हाथरसी ठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर मार लिया क्या तीर, लौट पृथ्वी पर आये किये करोड़ों खर्च, कंकड़ी मिट्टी लाये ‘काका’, इससे लाख गुना अच्छा …

Read More »

कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ: काका हाथरसी

दाढ़ी महिमा - काका हाथरसी

Here is an excerpt from a very funny and at a time very popular poem of Kaka Hathrasi. See Kakas advice on how to raise the standard of your life! प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो, बदल रहे अणु, कण-कण देखो। तुम निष्क्रिय से पड़े हुए हो। भाग्य वाद पर अड़े हुए हो। छोड़ो मित्र! पुरानी डफली, जीवन में परिवर्तन लाओ। परंपरा …

Read More »

योग पर आधारित हिंदी कविता संग्रह

Sanskrit Poem on Importance of Yoga योगस्य महत्त्वम्

योग क्या है? संस्कृत धातु ‘युज‘ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। …

Read More »

माँ-बाप: बुजुर्ग माता पिता पर हिंदी कविता

माँ-बाप: बुजुर्ग माता पिता पर हिंदी कविता

देखते ही देखते जवान, माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं… सुबह की सैर में, कभी चक्कर खा जाते है, सारे मौहल्ले को पता है, पर हमसे छुपाते है… दिन प्रतिदिन अपनी, खुराक घटाते हैं, और तबियत ठीक होने की, बात फ़ोन पे बताते है… ढीली हो गए कपड़ों, को टाइट करवाते है, देखते ही देखते जवान, माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं…! …

Read More »

साल आया है नया: हुल्लड़ मुरादाबादी की हास्य कविता

साल आया है नया - हुल्लड़ मुरादाबादी

Hullad Moradabadi (29 May 1942 – 12 July 2014) was an Indian poet, humorist and satirist of Hindi language. He had authored several Hindi books including Itni uchi mat chodo, kya karegi chandni, Ye ander ki bat hai, Triveni and Hullad ka Hullad. He was a poet of Hindi Kavi sammelan. Born in Gujranwala, now in Pakistan as Susheel Kumar …

Read More »

नानक दुखिया सब संसार: जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता

नानक दुखिया सब संसार: जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता

Gautam Buddha said that this world is a world of sorrows. Here Guru Nanak is saying the same. Except for few illusory moments of mirth, rest of the life is a struggle and frustration. नानक दुखिया सब संसार बूढ़ा बाप पड़ा बीमार माँ की बेटे से तकरार इस का रुठ गया है यार नानक दुखिया सब संसार गुंडा लेकर हुआ …

Read More »

मंगल दीप दिवाली: दिवाली पर हिंदी कविता

Motivational Hindi Poem about Diwali Festival मंगल दीप दिवाली

वह मंगल दीप दिवाली थी, दीपों से जगमग थाली थी। कोई दिये जला कर तोड़ गया, आशा की किरन को रोक गया॥ इस बार न ये हो पाएगा, अँधियारा ना टिक पाएगा। कर ले कोशिश कोई लाख मगर, कोई दिया न बुझने पाएगा॥ जब रात के बारह बजते हैं, सब लक्ष्मी पूजा करते हैं। रात की कालिमा के लिए, दीपों …

Read More »