Tag Archives: Public Awareness Stories for Students

राष्ट्रगान से प्रेम: कुत्ते बंदर का राष्ट्रगान जन गण मन से प्रेम पर हिंदी कहानी

राष्ट्रगान से प्रेम: कुत्ते बंदर की सच्ची दोस्ती की प्रेरक कहानी

राष्ट्रगान से प्रेम: बंदर और कुत्ता दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों दिन भर घूमते रहते थे, कभी इस गली, कभी उस गली। कभी बाजार, कभी स्कूल के आगे घूमते रहते थे। वे घूम कर-घूम कर जिंदगी का भरपूर आनंद लेते थे। उनको बच्चों से बहुत प्यार था। बच्चे जब सज-धज कर यूनिफार्म पहन कर स्कूल जाते, तो वे उन्हें …

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दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली

दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली

दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: एक दुकान में ढेर सारे पटाखे सजे हुए रखे थे, जो दुकानदार ने दिवाली पर बेचने के लिए रखे हुए थे। पटाखों को यह देखकर बहुत दुःख होता था की जो बच्चे अच्छे कपड़े पहनकर अपने मम्मी पापा के साथ पटाखे लेने आते, उन्हें तो दुकानदार बड़े ही प्यार से पटाखे दिखता और बेचता पर …

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शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: एक बहादुर चरवाहे की कहानी

शिबू ने लालटेन जलाई - सबने दिवाली मनाई: मंजरी शुक्ला

शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: बहुत समय पहले की बात है… एक गाँव था शिवपुर। उसी गाँव में एक चरवाहा रहता था, बहुत ही सीधा और भोला-भाला बिना किसी लालच और बिना किसी स्वार्थ के सबके दुःख सुख में एक पैर से खड़ा रहता था। गाँव वाले भी उसकी निश्चलता के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। …

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चुन्नू की इको फ्रेंडली दिवाली: जन जागरूकता पर प्रेरक हिंदी बाल कहानी

इको फ्रेंडली दिवाली

इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …

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पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ – रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष

पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ - रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष

पेड़ों की रक्षा: गगन के घर के पास खेजड़ी का एक विशाल वृक्ष था, जिसे उसके दादाजी ने उसके पिताजी के जन्म पर लगाया था। खेजड़ी का यह पौधा वह अपने गांव से लाए थे और कहते थे कि यह बहुत ही अमूल्य पेड़ है। इसे बचाने के लिए अमृता देवी ने खेजड़ी के साथ कट कर प्राण दे दिए …

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अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद कहानी सोने के पत्तों की

अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला

अनोखा दशहरा: बहुत समय पहले की बात हैं। उदयपुर राज्य में एक राजा राज्य करता था माधोसिंघ। उसके दिमाग में रह रह कर तरह तरह के फ़ितूर आते रहते थे। इस कारण कभी तो उसकी हरकतों पर लोग हँसते हँसते लोटपोट हो जाते तो कई बार उसे सबके साथ इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता पर वो अपनी पुरानी गलतियों से …

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Unforgettable Dussehra: Street Food Moral Story

Unforgettable Dussehra: Street Food Moral Story

Unforgettable Dussehra: Dipu was in a mood to go around for some fun and enjoyment so he accompanied his brother along with their dog Romi to a nearby park. They spent some time playing with a ball when Dipu suddenly announced, “It is Dussehra today and we can go and watch burning of Ravan in the Dussehra ground. We can …

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राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन

राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन त्यौहार

जब भी राखी का त्यौहार आता था, मुन्नी का दिल भर आता था। वह दिन भर घर के अंदर और बाहर चक्कर लगाया करती थी कि शायद उसका भाई लौट आये। पर एक राखी के बाद दूसरी और फिर तीसरी और फ़िर बहुत सारी राखी आई पर उसका भाई नहीं आया। आज राखी थी और हर साल की तरह मुन्नी …

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Fight, Manju, Fight!: Sigrun Srivastav

Fight, Manju, Fight!: Sigrun Srivastav

Fight, Manju, Fight!: Sigrun Srivastav – Manjula Parelkar knew she was no Hussain. She could never be, not with those hands of hers, those claw-like malformed fingers, just two of them, two on each hand. Why her hands too? Wasn’t it enough that her feet were deformed; ending in two massive moon-shaped toes pointing at each other, the hard nails …

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