Tag Archives: India Poems for Students

जय सरस्वती माता: सरस्वती माँ की आरती

Saraswati: Hindu Goddess

Goddess Saraswati: The name Saraswati came from “saras” (meaning “flow”) and “wati” (meaning “she who has …”), i.e. “she who has flow” or can mean sara meaning “essence” and swa meaning “self”. So, Saraswati is symbol of knowledge; its flow (or growth) is like a river and knowledge is supremely alluring, like a beautiful woman. She is depicted as beautiful …

Read More »

विद्यालय मैगजीन से हिंदी बाल-कविताएँ

गुरु: प्रभलीन कौर गुरु अनहद का नाद है, गुरु बोध का स्वाद है। गुरु शरणागत की शक्ति है, गुरु स्नेह की पवित्र धारा है।। गुरु बेसहारों का सहारा है, गुरु अनंत कृपाओं का सागर है। गुरु अनुभव की छलकती गागर है, गुरु नवजीवन की भोर है।। गुरु प्रेम की सुंदर डोर है, गुरु सत्य का सुखद स्पर्श है। गुरुदेव है, …

Read More »

मॉर्डन रसिया: अल्हड़ बीकानेरी की हास्य व्यंग्य कविता

मॉर्डन रसिया - अल्हड़ बीकानेरी

Alhad Bikaneri (17 May 1937 – 17 June 2009) was a renowned Hindi and Urdu poet of Hasya Ras (Humor) of India. His original name was Shyamlal Sharma. He was born on 17 May 1937 in a small village named Bikaner, Rewari district, Haryana, India. Honored with “Hasya Ratna” he is considered as one of the most famous Hindi humor …

Read More »

यह है भारत देश हमारा: सुब्रह्मण्य भारती की देश प्रेम कविता

Subramania Bharati

सुब्रह्मण्य भारती (जन्म: 11 दिसम्बर, 1882 – मृत्यु: 11 सितम्बर, 1921) भारत के महान् कवियों में से एक थे, जिन्होंने तमिल भाषा में काव्य रचनाएँ कीं। इन्हें महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। भारती एक जुझारू शिक्षक, देशप्रेमी और महान् कवि थे। आपकी देश प्रेम की कविताएँ इतनी श्रेष्ठ हैं कि आपको भारती उपनाम से ही पुकारा …

Read More »

भारत गुण–गौरव: शमशेर बहादुर सिंह देश प्रेम बाल-कविता

भारत गुण–गौरव: शमशेर बहादुर सिंह देश प्रेम बाल-कविता

Here is an old poem of Shamsher Bahadur Singh, in praise of ancient motherland India. शमशेर बहादुर सिंह (जन्म: 13 जनवरी, 1911 – मृत्यु: 12 मई, 1993) आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील कवि हैं। ये हिंदी तथा उर्दू के विद्वान हैं। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेज़ी कवि एजरा पाउण्ड …

Read More »

खड़ा हिमालय बता रहा है: सोहनलाल द्विवेदी की गाँधी जी पर कविता

खड़ा हिमालय बता रहा है - सोहनलाल द्विवेदी

Albert Einstein said about him, “Generations to come will scarcely believe that such a one as this walked the earth in flesh and blood”. What a phenomenon our Father of the nation was! He took on an empire about which it was said that the “sun never sets on it”, and lead a whole subcontinent to freedom. That too while …

Read More »

माँ तुझे सलाम – वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

माँ तुझे सलाम - वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

ओ ओ… वन्दे मातरम् x 8 यहाँ वहां सारा जहाँ देख लिया है कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं मैं गया जहाँ भी बस तेरी याद थी जो मेरे साथ थी मुझको तड़पाती रुलाती सबसे प्यारी तेरी सूरत प्यार है बस तेरा प्यार ही माँ तुझे …

Read More »

जन गण मन: भारत का राष्ट्रगान – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Rabindranath Tagore Jayanti

जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम्‌ है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय …

Read More »

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे: फैज अहमद ‘फैज’

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे - फैज अहमद 'फैज'

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ – भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे जिनको अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्म, ग़ज़ल लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया। उन्हें नोबेल …

Read More »