Tag Archives: Hope Hindi Poems

दीपक जलाना कब मना है: हरिवंश राय बच्चन

दीप मेरे जल अकम्पित (दीप शिखा): महादेवी वर्मा

Calamities come in every one’s life. There could be death of a near and dear one or losing love of one’s life. Desperation may follow and everything may look dark and hopeless. Here Bachchan Ji tells in his inimitable style, it is fine to light a tiny lamp to dispel that darkness. It is OK to get up and re-connect …

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बाल श्रमिक: भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल श्रमिक - भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। ये एक दबावपूर्णं व्यवहार है जो अभिवावक या मालिकों द्वारा किया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह …

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धूम्रपान विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता: क्यों मौत बुला रहे हो?

धूम्रपान पर कविता: क्यों मौत बुला रहे हो? World No Smoking Day Hindi Poem

वर्तमान में धूम्रपान की सबसे प्रचलित विधि सिगरेट है, जो मुख्य रूप से उद्योगों द्वारा निर्मित होती है किन्तु खुले तम्बाकू तथा कागज़ को हाथ से गोल करके भी बनाई जाती है। धूम्रपान के अन्य साधनों में पाइप, सिगार, हुक्का एवं बॉन्ग शामिल हैं। ऐसा बताया जाता है कि धूम्रपान से संबंधित बीमारियां सभी दीर्घकालिक धूम्रपान करने वालों में से …

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धूम्रपान है दुर्व्यसन: धूम्रपान आदत पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता

Smoking Addiction Poem in Hindi धूम्रपान है दुर्व्यसन

धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह में लगती आग स्वास्थ्य, सभ्यता, धन घटे, कर दो इसका त्याग। बीड़ी-सिगरेट पीने से, दूषित होती वायु छाती छननी सी बने, घट जाती है आयु। रात-दिन मन पर लदी, तम्बाकू की याद अन्न-पान से भी अधिक, करे धन-पैसा बरबाद। कभी फफोले भी पड़ें, चिक जाता कभी अंग छेद पड़ें पोशाक में, आग राख के संग। जलती …

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राणा प्रताप की तलवार: श्याम नारायण पाण्डेय जी का वीर रस काव्य

Maharana Pratap Jayanti

श्याम नारायण पाण्डेय (1907 – 1991) वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे। वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे। आरम्भिक शिक्षा के बाद आप संस्कृत अध्ययन के लिए काशी चले आये। यहीं रहकर काशी विद्यापीठ से आपने हिन्दी में साहित्याचार्य किया। द्रुमगाँव (डुमराँव) में अपने घर पर रहते …

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हल्दीघाटी: झाला का बलिदान – श्याम नारायण पांडेय

Haldighati Poem on Maharana Pratap हल्दीघाटी: झाला का बलिदान

It is said that the Mughals were humbled in victory that day at Haldighati and Rana obtained a glorious defeat. Man Singh narrowly escaped the spear of Rana. Mughals by far out numbers Rana’s men. Tired and wounded Rana was headed for a certain death. At that juncture, a valiant warrior in Rana’s army, named Jhala came to his rescue. …

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हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे: फैज अहमद ‘फैज’

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे - फैज अहमद 'फैज'

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ – भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे जिनको अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्म, ग़ज़ल लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया। उन्हें नोबेल …

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तनखा दे दो बाबूजी: मजदूर दिवस पर हिंदी कविता

तनखा दे दो बाबूजी - Labour Day Hindi Poem

अबके तनखा दे दो सारी बाबूजी अब के रख लो बात हमारी बाबूजी इक तो मार गरीबी की लाचारी है उस पर टी.बी. की बीमारी बाबूजी भूखे बच्चों का मुरझाया चेहरा देख दिल पर चलती रोज़ कटारी बाबूजी नूण-मिरच मिल जाएँ तो बडभाग हैं हमने देखी ना तरकारी बाबूजी दूधमुंहे बच्चे को रोता छोड़ हुई घरवाली भगवान को प्यारी बाबूजी …

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फिर एक बार: महादेवी वर्मा की देशभक्ति कविता

फिर एक बार - महादेवी वर्मा

Here is a poem by the well-known poetess Mahadevi Varma, showing her deep devotion and appreciation of the motherland. मैं कम्पन हूँ तू करुण राग मैं आँसू हूँ तू है विषाद मैं मदिरा तू उसका खुमार मैं छाया तू उसका अधार मेरे भारत मेरे विशाल मुझको कह लेने दो उदार फिर एक बार, बस एक बार कहता है जिसका व्यथित …

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