रामधारी सिंह दिनकर साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (जन्म: 23 सितंबर, 1908, बिहार; मृत्यु: 24 अप्रैल, 1974, तमिलनाडु) हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार थे। ‘राष्ट्रकवि दिनकर’ आधुनिक …
Read More »नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन
कोरोना व ठंड में दबा बचपन: कोरोना कॉल में घर पर रह कर बच्चे चिड़-चिडे़ हो गए हैं। 6 से 12 साल के बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में भी डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। खेलकूद बंद होने से बच्चों की दिनचर्या बदली है। बच्चों के बर्ताव में बदलाव दिख रहा है। स्कूल न …
Read More »जयद्रथ वध: राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त
जयद्रथ वध: मैथिली शरण गुप्त जी के काव्य में मानव-जीवन की प्रायः सभी अवस्थाओं एवं परिस्थितियों का वर्णन हुआ है। अतः इनकी रचनाओं में सभी रसों के उदाहरण मिलते हैं। प्रबन्ध काव्य लिखने में गुप्त जी को सर्वाधिक सफलता प्राप्त हुई है। मैथिली शरण गुप्त जी की प्रसिद्ध काव्य-रचनाएँ – साकेत, यशोधरा, द्वापर, सिद्धराज, पंचवटी, जयद्रथ-वध, भारत-भारती, आदि हैं। भारत …
Read More »रक्तदान है महादान: Hindi Poem on Blood Donation
रक्तदान है महादान: रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या …
Read More »जसोदा हरि पालनैं झुलावै: सूरदास
जसोदा हरि पालनैं झुलावै: सूरदास – गोस्वामी हरिराय के ‘भाव प्रकाश’ के अनुसार सूरदास का जन्म दिल्ली के पास सीही नाम के गाँव में एक अत्यन्त निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके तीन बड़े भाई थे। सूरदास जन्म से ही अन्धे थे, किन्तु सगुन बताने की उनमें अद्भुत शक्ति थी। 6 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने अपनी …
Read More »मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: सूरदास
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: सूरदास हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में अग्रणी है। महाकवि सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसों का भी बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उनका जन्म मथुरा-आगरा (Uttar Pradesh, India) मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था। कुछ लोगों का …
Read More »नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे: काका हाथरसी
काका हाथरसी (वास्तविक नाम – प्रभुलाल गर्ग, जन्म: 18 सितंबर, 1906, हाथरस, उत्तर प्रदेश; मृत्यु: 18 सितंबर, 1995) भारत के प्रसिद्ध हिन्दी हास्य कवि थे। उन्हें हिन्दी हास्य व्यंग्य कविताओं का पर्याय माना जाता है। काका हाथरसी की शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही थी, वर्तमान में भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका …
Read More »मंगल भवन अमंगल हारी: रविंदर जैन का भक्ति गीत
Geet Gaata Chal is a Hindi film released in 1975. Produced by Tarachand Barjatya for Rajshri Productions, the film is directed by Hiren Nag. The film stars Sachin, Sarika, Madan Puri, Padma Khanna and Leela Mishra. The songs written and composed by Ravindra Jain. The movie is a remake of 1965 Bengali movie Atithi. मंगल भवन अमंगल हारी: जसपाल सिंह …
Read More »मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो: रमानाथ अवस्थी
रमानाथ अवस्थी का जन्म फतेहपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ। इन्होंने आकाशवाणी में प्रोडयूसर के रूप में वर्षों काम किया। ‘सुमन- सौरभ, ‘आग और पराग, ‘राख और शहनाई तथा ‘बंद न करना द्वार इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं। ये लोकप्रिय और मधुर गीतकार हैं। इन्हें उत्तरप्रदेश सरकार ने पुरस्कृत किया है। मन की चंचलता सर्व विदित है। अध्यात्म सागर पर भी कई बार …
Read More »मिठाई: ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता
भारतीय मिठाई पर ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाइयाँ बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को ‘हलवाई’ कहते हैं। भारत की संस्कृति …
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