हर एक के जीवन में माँ एक अनमोल इंसान के रुप में होती है जिसके बारे शब्दों से बयाँ नहीं किया जा सकता है।ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने माँ को बनाया हालाँकि माँ के साथ कुछ महत्वपूर्ण क्षणोँ को वर्णित किया जा सकता है। एक माँ हमारे जीवन की हर …
Read More »माँ भूखी रहती है: माँ पर हिंदी कविता
इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी …
Read More »बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया: आनंद बक्षी का मदर्स डे स्पेशल गाना
बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया का करे यशोदा मैय्या – 2 ढूंढें री अखियाँ उसे चहू ओर जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर उड़ गया जैसे पुरवय्या का करे यशोदा मैय्या आ तोहे मैं गले से लगा लूं लागे ना किसी की नज़र, मन में छूपा लूं धूप जगत है रे ममता है छैय्या का करे यशोदा मैय्या मेरे जीवन …
Read More »फिर एक बार: महादेवी वर्मा की देशभक्ति कविता
Here is a poem by the well-known poetess Mahadevi Varma, showing her deep devotion and appreciation of the motherland. मैं कम्पन हूँ तू करुण राग मैं आँसू हूँ तू है विषाद मैं मदिरा तू उसका खुमार मैं छाया तू उसका अधार मेरे भारत मेरे विशाल मुझको कह लेने दो उदार फिर एक बार, बस एक बार कहता है जिसका व्यथित …
Read More »बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज (भाग 2)
खिचड़ी: ओमप्रकाश बजाज चावल-दाल मिला कर बनती, खिचड़ी घर में सब को भाती। रोगी को डॉक्टर खाने को कहते, हल्की गिजा वे इसे मानते। घी और मसालों का छौंक लगा कर, छोटे-बड़े सब शौक से खाते। बीरबल की खिचड़ी पकाना कहलाती, जब किसी काम में अधिक देर हो जाती। घी खिचड़ी में ही तो रहा, तब कहा जाता, जब घर …
Read More »हो हल्ला है होली है: प्रभुदयाल श्रीवास्तव – होली विशेष हिंदी बाल-कविता
उड़े रंगों के गुब्बारे हैं, घर आ धमके हुरयारे हैं। मस्तानों की टोली है, हो हल्ला है, होली है। मुंह बन्दर सा लाल किसी का, रंगा गुलाबी भाल किसी का। कोयल जैसे काले रंग का, पड़ा दिखाई गाल किसी का। काना फूसी कुछ लोगों में, खाई भांग की गोली है। ढोल ढमाका ढम ढम ढम ढम, नाचे कूदे फूल गया …
Read More »होली आई रे होली आई रे: होली के त्यौहार पर बाल-कवितायेँ
होली आई रे बसंत में हर कली मुस्कुराई, फागुन की मस्ती चंहुओर है छाई, मदभरा रंगीं नजारा हर कहीं नजर आता है, सुनहरा रंग फिजाओं में पसर जाता है, चंग की ढाप चौक-चौराहों में गूंज रही है, फागणियों को फाग गाने की सूझ रही है, लोग-लुगाई होली की मस्ती में सराबोर हैं, हर तरफ होली आई रे होली आई रे …
Read More »बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज
सात बहनें: ओमप्रकाश बजाज भारत के पर्वोत्तर में 7 राज्य हैं जो ‘सात बहनें’ कहे जाते हैं। इनके नाम अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम कहलाते हैं। अरुणाचल कहलाता है उगते सूर्य का पर्वत और ईटागर है इसकी राजधानी। दिसपुर है असम की राजधानी, मेघालय की राजधानी शिलांग है, कोहिमा नागालैंड की और इंफाल मणिपुर की राजधानी है। …
Read More »Spinning A Dreidel
Nun, gimel, heh, and shin, See the wooden dreidel spin. Nes gadol hayah shin, If I’m lucky I will win! I play with my new dreidel upon the shiny floor. I ask some friends to play with me- we must have two or more. I give the players pennies – the same amount to each. We sit down in a …
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