दुनिया रंग-बिरंगी: डॉ फहीम अहमद – भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। आज भी ब्रज की होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। लठमार होली जो कि बरसाने की है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के …
Read More »होली त्योहार है: लक्ष्मीनारायण गुप्त की होली कविता
होली खुशियों और उमंगों का त्योहार है। होली के आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल बिखर जाता है। ये पर्व आपसी गिले-शिकवे भुलाकर गले लगने का त्योहार है। हिंदू धर्म के अनुसार होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है. प्रथम दिन होलिका का दहन किया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका …
Read More »होली है भई होली है: पूर्णिमा वर्मन की होली पर कविता
होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में महीने में विभिन्न प्रकार के रगों के साथ मनाई जाती है। सभी घरों में तरह तरह के पकवान बनाये जाते हैं। होली हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहार के रूम में जाना जाता है। होली सिर्फ हिन्दुओं ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोगों द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का …
Read More »आओ जलाएं: होली दहन पर हिंदी कविता
प्राचीन पर्वों की यही सुंदरता है कि इनके पीछे छुपे पौराणिक राज हमें आकर्षित करते हैं। आइए जानें होलिका दहन का अभिप्राय और इतिहास। होलिका दहन का पर्व संदेश देता है कि ईश्वर अपने अनन्य भक्तों की रक्षा के लिए सदा उपस्थित रहते हैं। होलिका दहन, होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके …
Read More »ऋतु होली की आई: नीलम जैन
ऋतु होली की आई: इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने …
Read More »रंग उड़ाती आई होली: नीलम जैन की होली पर कविता
रंग उड़ाती आई होली: त्यौहारों का मज़ा तब ही है, जब वे ख़ुशियों के साथ संपन्न हों। होली है तो रंग भी होंगे। रंगों के साथ हुड़दंग भी होगा, ढोल−ताशे भी होंगे। यही सब तो होली की रौनक़ है। होली रंगों का त्यौहार है, हर्षोल्लास का त्यौहार है, उमंग का त्यौहार है। लेकिन दुख तो तब होता है, जब ज़रा …
Read More »आयी होली आयी: दीपा जोशी की होली पर बाल कविता
होली के पर्व से अनेक कहानियाँ जुड़ी हुई हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कहानी है प्रह्लाद की। माना जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के अहंकार में वह स्वयं को ही ईश्वर मानने लगा था। उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी। हिरण्यकशिपु …
Read More »दिन होली के: यतीन्द्र राही की होली पर हिंदी बाल कविता
होली भारत का अत्यंत प्राचीन पर्व है जो होली, होलिका या होलाका नाम से मनाया जाता था। वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण इसे वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा गया है। राधा-श्याम गोप और गोपियों की होली: इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों में भी इस पर्व का प्रचलन था लेकिन अधिकतर यह पूर्वी भारत …
Read More »जंगल की होली: पवन चन्दन की होली पर बाल कविता
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का त्यौहार कहा जाने …
Read More »आया है फागुन: डॉ. सरस्वती माथुर
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का बारहवाँ तथा अंतिम महीना जो ईस्वी कलेंडर के मार्च माह में पड़ता है। इसे वसंत ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में न अधिक गर्मी होती है और न अधिक सर्दी। इस माह में अनेक महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं जिसमें होली …
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