Hindi Poem About Good Morning of New Year ये सुबह तुम्हारी है

ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा

ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा पर हर साल चीनी कैलेंडर के अनुसार प्रथम मास का प्रथम चन्द्र दिवस नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। पंजाब में नया साल बैशाखी पर्व पर मनाया जाता है। तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है, आंध्रप्रदेश में इसे उगादी के रूप में मनाते है यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है। इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है। भारत में नव वर्ष के शुभ अवसर पर कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम किए जाते है, इस दिन सभी लोग अपने परिचितों और रिश्तेदारों को बधाई संदेश देते है।

ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा

सूरज की नन्हीं किरणें
चुपके से उतर आईं हैं घर के अंदर
और खेल रहीं हैं छुपनछुपाई
खुशी से खुल गईं हैं खिड़कियाँ
हवा की शुद्धता हृदय में घुल रही हैं
ये सुबह तुम्हारी है।

खेतों की तरफ़ जा रहे हैं किसान
गाँव त्यौहार की तैयारी कर रहा है
कारखानों की तरफ़ बढ़ रहे हैं मज़दूर
चूल्हों के पास
अगले दिन की रोटी का इंतज़ाम है
टहल कर घर लौट रहे हैं पिताजी
घर में गूँज रहा है जीवन संगीत
ये सुबह तुम्हारी है।

दस्तक दे रहा है अख़बार
मुस्करा रहा है पहली बार
आज उसके अंदर
बुरा कम अच्छा ज़्यादा है
ये सुबह तुम्हारी है।

कलम के आस-पास जुटे हुए हैं अक्षर
वर्षों बाद आग्रह कर रहे हैं
एक प्रेम कविता की
एक लड़की
पृथ्वी की तरह नज़र आ रही है
और उसकी परिधि पर बैठा कबूतर
गुटर गूं कर रहा है
मंगलमय क्षितिज पर उग रहा है नव वर्ष
ये सुबह तुम्हारी है।

∼ “ये सुबह तुम्हारी है” Hindi poem by प्रदीप मिश्रा

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