पगडंडी - प्रयाग शुक्ल

पगडंडी – प्रयाग शुक्ल

जाती पगडंडी यह वन को
खींच लिये जाती है मन को
शुभ्र–धवल कुछ्र–कुछ मटमैली
अपने में सिमटी, पर, फैली।

चली गई है खोई–खोई
पत्तों की मह–मह से धोई
फूलों के रंगों में छिप कर,
कहीं दूर जाकर यह सोई!

उदित चंद्र बादल भी छाए।
किरणों के रथ के रथ आए।
पर, यह तो अपने में खोई
कहीं दूर जाकर यह जागी,
कहीं दूर जाकर यह सोई।

हरी घनी कोई वनखंडी
उस तक चली गई पगडंडी।

~ प्रयाग शुक्ल

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …