कवि कभी रोया नहीं करता – मनोहर लाल ‘रत्नम’

कवि कभी रोया नहीं करता, वह केवल गाया करता है।
दर्द सभी सीने में रखकर, वह जीवन पाया करता है॥

जब जब भी आहें उठती हैं,
तब तब गीत नया बनता है।
जब जब छलका करते आंसू–
कवि का मीत नया बनता है॥

आंसू संग आहों का बंधन, कवि केवल पाया करता है।
कवि कभी रोया नहीं करता, वह केवल गाया करता है॥

जब अम्बर में मेघ गरजते,
तभी कवि के भाव छलकते।
और चांदनी जब रोती है–
तभी कवि के नैन बरसते॥

ऐसी ‘रत्नम’ पाकर प्रेरणा, रचना कर गाया करता है।
कवि कभी रोया नहीं करता, वह केवल गाया करता है॥

∼ मनोहर लाल ‘रत्नम’

About Manohar Lal Ratnam

जन्म: 14 मई 1948 में मेरठ में; कार्यक्षेत्र: स्वतंत्र लेखन एवं काव्य मंचों पर काव्य पाठ; प्रकाशित कृतियाँ: 'जलती नारी' (कविता संग्रह), 'जय घोष' (काव्य संग्रह), 'गीतों का पानी' (काव्य संग्रह), 'कुछ मैं भी कह दूँ', 'बिरादरी की नाक', 'ईमेल-फ़ीमेल', 'अनेकता में एकता', 'ज़िन्दा रावण बहुत पड़े हैं' इत्यादि; सम्मान: 'शोभना अवार्ड', 'सतीशराज पुष्करणा अवार्ड', 'साहित्य श्री', 'साहित्यभूषण', 'पद्याकार', 'काव्य श्री' इत्यादि

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …