Stories For Kids

नेक दिली: प्रवासी पक्षी और बड़ोपल झील किनारे बरगद के पेड़ की कहानी

नेक दिली: बगुलों का एक झुंड साइबेरिया से हजारों किलोमीटर की यात्रा करके भारत के बड़ोपल झील में सर्दियों की छुट्टी मनाने आता है। चूंकि साइबेरिया में सर्दियों में बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है इसलिए साइबेरियन बगुले – ग्रेट फ्लेमिंगो, वाटर फ्लेमिंगो, राजहंस आदि अपने परिवारों सहित हजारों की संख्या में बड़ोपल झौल में मस्ती व उछल-कूद करने आते हैं …

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पुरस्कार का असली हकदार: गरीब माँ-बाप के होनहार बेटे की शिक्षाप्रद कहानी

पुरस्कार का असली हकदार: गरीब माँ-बाप के होनहार बेटे की शिक्षाप्रद कहानी

पुरस्कार का असली हकदार: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सोनू के स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह होने वाला था, मगर इस बार इसे लेकर सोनू अति उत्साहित था क्योंकि उसने 10वीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था, जिसके लिए उसे भी सम्मानित किया जाना था। उसके अध्यापकों ने उसे हिदायत दी कि पुरस्कार ग्रहण करने के लिए …

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गोलू की मुस्कान: साइकिल की टक्कर का पश्चाताप पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी

गोलू की मुस्कान: साइकिल की टक्कर का पश्चाताप पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी

गोलू की मुस्कान हिंदी कहानी: गोलू के जन्मदिन पर उसके पापा ने उसे एक सुंदर साइकिल उपहार में दी। अपना मनपसंद गिफ्ट पाकर गोलू बहुत खुश था। खुशी के साथ उसे मलाल भी था। मलाल यह था कि उसे साइकिल चलाना नहीं आती थी इसलिए उसने अपने दोस्त वैभव से कहा, “मुझे साइकिल चलाना सीखा दोगे?” “हां क्यों नहीं। कल …

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लौट आओ पापा: पितृ दिवस पर हिंदी बाल-कहानी

लौट आओ पापा: पितृ दिवस पर हिंदी बाल-कहानी

लौट आओ पापा: कहते है जाने वाला कभी लौट कर नहीं आता है, पर इन सभी बातों को झुठलाते हुए, आप लौट आओ पापा। घर पर आपकी बहुत ज़रूरत है। ज़रूरत तो हम सबको है पर माँ को सबसे ज़्यादा। कल भैया का फ़ोन आया था। बता रहे थे कि माँ अभी भी देहरी पर बैठी रहती है किसी ना …

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बाबूजी: पितृ दिवस पर कहानी

पितृ दिवस पर कहानी: बाबूजी

पितृ दिवस पर कहानी: बाबूजी – जब ईश्वर जरुरत से ज्यादा झोली में गिर देता हैं तो वह भी मनुष्य के लिए अहंकार और पतन का कारण बन जाता हैं। ऐसा ही कुछ हुआ चाँदनी के साथ… सभ्य, सुशील और बेहद महत्वकांशी चाँदनी को जब महात्मा गाँधी के आदर्शों पर जीवन पर्यन्त चलने वाले ईमानदार और अकेले बाबूजी ने उसे …

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A Misfortune: Story by Anton Chekhov

A Misfortune: Short story by Anton Chekhov

A Misfortune: Anton Chekhov – Sofya Petrovna, the wife of Lubyantsev the notary, a handsome young woman of five-and-twenty, was walking slowly along a track that had been cleared in the wood, with Ilyin, a lawyer who was spending the summer in the neighbourhood. It was five o’clock in the evening. Feathery-white masses of cloud stood overhead; patches of bright …

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Typhus: Short story by Anton Chekhov

Typhus: Short story by Anton Chekhov

Typhus: Short story by Anton Chekhov – A YOUNG lieutenant called Klimov was travelling from Petersburg to Moscow in a smoking carriage of the mail train. Opposite him was sitting an elderly man with a shaven face like a sea captain’s, by all appearances a well-to-do Finn or Swede. He pulled at his pipe the whole journey and kept talking …

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Terror: My Friend’s Story – Anton Chekhov

Terror: My Friend's Story - Anton Chekhov

Terror: My Friend’s Story – Anton Chekhov: DMITRI PETROVITCH SILIN had taken his degree and entered the government service in Petersburg, but at thirty he gave up his post and went in for agriculture. His farming was fairly successful, and yet it always seemed to me that he was not in his proper place, and that he would do well …

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