Darshan Aasht

A Sahitya Akademi awardee and Shiromani Punjabi Bal Sahitya Lekhak, Dr. Darshan Aasht, working at Punjabi University, Patiala, will be presented a state award for his book “Papa Ab Aisa Nahi Hoga” on children literature in Punjabi language by the Punjab Language Department. The award includes a cash prize of Rs 21,000 and a memento. Dr. Darshan Aasht has written 70 books for children in Punjabi, Hindi, Urdu, Rajasthani and in Shahmukhi script. His three books have been published in Pakistan. He has been honored by several institutions. संस्थान: पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला (पंजाब)। शिक्षा: एम०ए० (पंजाबी एवं उर्दू), पीएच०डी० प्रकाशन: शिशु गीतमाला (भाग दो), पवित्र कार्य, सुनो कहानी, बिंटी की सूझ, मेहनत की कमाई का सुख। संपादन-पजाबी आलम (त्रैमासिक); अनुवाद-हिंदी से पजाबी में अनुवाद-इतिहास गुरुद्वारा पाँवटा साहिब का (ज्ञानी भजनसिंह), मेरा जीवन-एक तितली की कहानी (अजन सरकार), धनीराम की बघी (जोगेशदास), खेल खिलौने, अब्बा की खाँसी (डॉ. राष्ट्रबंधु), सुनी कहानी नाटक वानी (डॉ. उषा यादव), सपने (दीनदयाल शर्मा), सबसे अच्छा उपहार (राजकुमार जैन 'राजन') मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान: भाषा विभाग, पंजाब से 1988 से 2005 तक सर्वोत्तम बालसाहित्य पुरस्कार, पंजाब साहित्य अकादमी चंडीगढ़, भारतीय बालकल्याण संस्थान कानपुर, श्रीगुरु अर्जुन कीर्तन मंडल पटियाला द्वारा सम्मानित-पंजाबी साहित्य सभा पटियाला द्वारा समानित, पजाबी सत्थ लांबडा (जालधर) द्वारा प्रिसिपल बालसाहित्य पुरस्कार, अमेरिकन बायोग्राफ़िकल इस्टीट्यूट विजन 2000 बालसाहित्य सम्मान, पुरस्कार 2001, भाषाविभाग पंजाब द्वारा शिरोमणि पंजाबी बालसाहित्य लेखक पुरस्कार 2005, जयपुर राजस्थान द्वारा मोती मिसरी राष्ट्रीय बालसाहित्य पुरस्कार 2006, राष्ट्रीय कवि पं. सोहनलाल द्विवेदी बालसाहित्य सम्मान चित्तौड़गढ़-राजस्थान 2006, भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम डॉ. ए॰पी॰जे॰ अब्दुल कलाम साहब द्वारा सम्मान 2006, भारत की राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल जी द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मान 2007 और अन्य सरकारी-गैरसरकारी संगठनों से मान-सम्मान प्राप्त। [youtube[dot]com/watch?v=qur-fVK0cQU]

होली का असली आनंद: झुग्गी झोपड़ी के रहने वाले बच्चों के साथ मनाई होली

होली का असली आनंद: दर्शन सिंह 'आशट'

कल होली का त्यौहार आने वाला था। चौथी कक्षा में पढ़ता राहुल सोच रहा था, “इस बार मनु के साथ ऐसी होली खेलूंगा कि वह याद रखेगा – गोबर होली”। न जाने वह मोबाइल पर किस-किस दोस्त के साथ कैसे-कैसे होली खेलने की योजनाएं बना रहा था। मम्मी को उसकी शरारत भर योजना का पता चल चुका था। राहुल को …

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जिम्मेदारी किसकी: छात्रों और बच्चों के लिए स्वच्छता पर शिक्षाप्रद बाल-कहानी

जिम्मेदारी किसकी: छात्रों और बच्चों के लिए स्वच्छता पर शिक्षाप्रद बाल-कहानी

जिम्मेदारी किसकी: बबलू बेहद लाडला था। अब वह पांच वर्ष का हो गया था। स्कूल से उसे डर लगता था। मम्मी उसे कभी चॉकलेट, कभी टॉफियां देकर मानती लेकिन बबलू स्कूल जाने से पहले ही चॉकलेट और टॉफियां चट कर जाता। स्कूल में प्रवेश करते ही उसे पता चल जाता कि मम्मी अब उसे छोड़कर घर चली जाएंगी। दूसरी कक्षा …

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अपना हाथ जगन्नाथ: दर्शन सिंह आशट की शिक्षाप्रद बाल कहानी

अपना हाथ जगन्नाथ: दर्शन सिंह आशट की शिक्षाप्रद बाल कहानी

अपना हाथ जगन्नाथ: बल्‍लू के पास काफी जमीन-जायदाद थी लेकिन काम करने से वह मन चुराता था। अक्सर गलियों में डंडे बजाता नजर आता। वास्तव में यह सारी जमीन जायदाद उसके पिता और दादा ने अपनी कड़ी मेहनत से बनाई थी। उनकी मौत के पश्चात अब वह उस जायदाद को कौडियों के भाव बेचने लगा। नतीजा यह निकला कि नौकरों-चाकरों …

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असलियत: घरवालों से झूठ बोलकर ठंड में ठिठुरते बच्चे की मदद की कहानी

असलियत: घरवालों से झूठ बोलकर ठंड में ठिठुरते बच्चे की मदद की कहानी

असलियत: समनीत अब सातवीं कक्षा में थी। उसके पिताजी रिक्शा चालक थे। एक सुबह समनीत स्कूल के गेट पर पहुंची तो उसने वहां एक छोटे से लड़के को देखा। उसकी एक बाजू नहीं थी। वह कुछ सामान बेच रहा था। उसके पास गुब्बारे, पैंसिलें, रबड़ें, कुछ कापियां और कुछ छोटे-छोटे खिलौने भी थे। उसने वी शेप की अपनी पुरानी सी …

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संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी

संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी

संकल्प: नेहा की आयु 5 वर्ष थी। एक दिन जब स्कूल में Parent-Teacher meeting हुई तो किसी कारण उसकी मम्मी स्कूल न आ पाईं। नेहा को मन ही मन मम्मी पर गुस्सा आ रहा था। आखिर स्कूल में छुट्टी हुई तो नेहा सीधी घर आई। जब वह कमरे में आई तो देखा कि उसकौ मम्मी बिस्तर पर पड़ी हैं और …

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अनोखी होली: होली के त्यौहार पर आधारित हिंदी बाल-कहानी

Children's Hindi Wisdom Story About Holi Festival अनोखी होली

होली का दिन था। अमन सुबह-सुबह अपनी साइकिल पर एक गली से गुजर रहा था। तभी किसी ने ऊपर से उस पर पानी फैंक दिया। अमन एकदम घबरा गया। उसने ऊपर देखा तो शरारती जग्गी खुशी से चिल्ला रहा था, “होली है“। अमन चुप रहा। वह ठिठुरता हुआ घर लौटा। दोबारा कपड़े पहन कर दूसरी गली से निकल गया। वास्तव …

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