Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

हाशिया – मनोज कुमार ‘मैथिल’

मैं एक हाशिया हूँ मुझे छोड़ा गया है शायद कभी ना भरने के लिए मेरे बाद बहुत कुछ लिखा जायेगा मुझसे पहले कुछ नहीं मैं उनके लिए अस्तित्वहीन हूँ जिनका अस्तित्व मुझसे है मैं एक हाशिया हूँ मुझे छोड़ा गया है सुन्दर दिखने के लिए मुझे छोड़ लिखे जाते हैं बड़े-बड़े विचार मुझपर विचार करने की फुर्सत कहाँ ? मैं …

Read More »

दर्द माँ-बाप का – शिल्पी गोयल

वे बच्चे जो करते हैं माँ-बाप का तिरस्कार, अक्ल आती है उन्हें जब पड़ती है बुरे वक़्त की मार। क्या करे दुनिया ही ऐसी है, बेटे तो बेटे बेटियां भी ऐसी हैं। माँ-बाप का खून करते हैं बच्चे, जब बारी आती है अपनी तो रो पड़ते हैं बेचारे बच्चे। माँ-बाप के सहारे जीते थे कभी बच्चे, अब बच्चों के सहारे …

Read More »

बस्ता – महजबीं

हे भगवान मेरा यह बस्ता, करता है मेरा हाल खस्ता। कवा दो इसका भार कम, निकल ना जाए मेरा दम। कब चलेगा ऐसे काम, जीना हुआ मेरा हराम। जो छीने मेरा आराम हे भगवान निकालो कोई रास्ता, तुझे हमारे बचपन का वास्ता। ∼ महजबीं

Read More »

डाल पर बन्दर

बैठा था एक डाल पर बन्दर भीग रहा पानी के अंदर। थर-थर थर-थर काँप रहा था, ऑछी-ऑछी रहा था। चिड़िया बोली बन्दर मामा, कहा नहीं क्यों तुमने माना ? ऑछी-ऑछी छींक रहे हो सुन मामा को गुस्सा आया, चिड़िया का घर तोड़ गिराया। चूँ-चूँ चूँ-चूँ चिड़िया रोई, बैठ डाल पर वो भी सोई।

Read More »

डाकिया आया

देखो एक डाकिया आया, थैला एक हाथ में लाया। पहने है वह खाकी कपड़े, कई चिट्ठियां हाथ में पकड़े। चिट्ठी में संदेशा आया, शादी में है हमें बुलाया। शादी में सब जाएंगे, खूब मिठाई खाएंगे।

Read More »

बादल – नेक राम अहिलवर

काले-काले उमड़कर बादल, लाए पानी भरकर बादल। बादलों ने जब डाला डेरा, छाया आकाश में घोर अंधेरा। दूर से आया चलकर बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ बच्चा बूढा नहीं कोई उदास, बुझेगी तपती धरती की प्यास। नहीं भागेगा डर के बादल, लाया पानी भरकर बादल॥ धरा से लेकर पर्वत की चोटी, गिरी उन पर बूंदे मोटी-मोटी। बरसेगा आज जमकर बादल, …

Read More »

गणतंत्र दिवस मनाएंगे – विकास कौशिक

छब्बीस जनवरी को मिलकर गणतंत्र दिवस मनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाऐंगे॥ सुनो – सुनो ऐ दुनिया वालों भारत एलान कराएगा। सदा हमारी दिल्ली में झंडा अपना लहराएगा॥ राष्ट्र पताका फहराकर हम राष्ट्रीयगान सुनाएंगे। शुभ दिन के स्वागत में सारा हिन्दुस्तान सजाएंगे॥ विजयी विश्व तिरंगे को फिर नमन करेंगे सारे। भारत माता की जय के नभ में …

Read More »

गीत फरोश – भवानी प्रसाद मिश्र

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ, मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ, मैं किसिम-किसिम के गीत बेचता हूँ। जी, माल देखिए, दाम बताऊँगा, बेकाम नहीं हैं, काम बताऊँगा, कुछ गीत लिखे हैं मस्ती में मैंने, कुछ गीत लिखे हैं पस्ती में मैंने, यह गीत सख्त सर-दर्द भुलाएगा, यह गीत पिया को पास बुलाएगा। जी, पहले कुछ दिन शर्म लगी …

Read More »