Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

आने वाले कल की तुम तस्वीर हो: इन्दीवर

आने वाले कल की तुम तस्वीर हो: इन्दीवर

आने वाले कल की तुम तस्वीर हो नाज करेगी दुनिया तुम पर दुनिया की तक़दीर हो आने वाले कल की तुम तस्वीर हो नाज करेगी दुनिया तुम पर दुनिया की तक़दीर हो। तुम हो किसी कुटिया के दीपक जग में उजाला कर दोगे भोली भाली मुस्कानों से सबकी झोली भर दोगे हस्ते चलो ज़माने में तुम चलता हुआ एक तीर …

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नई उमर की कलियों तुमको देख रही दुनिया सारी: कवि प्रदीप

नई उमर की कलियों तुमको देख रही दुनिया सारी: कवि प्रदीप

नई उमर की कलियों तुमको देख रही दुनिया सारी तुमपे बड़ी ज़िम्मेदारी घर-घर को तुम स्वर्ग बनाना – 2 हर आँगन को फुलवारी हम पे बड़ी ज़िम्मेदारी देख रही दुनिया सारी तुम उस देश में जन्मी हो जिस देश में जन्मी थी सीता – 2 तुम उस देश की कन्या हो जिस देश में गूँज रही गीता कभी भूल कर …

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वतन वालो वतन ना बेच देना: आनंद बक्षी

Motivational Bollywood Desh Prem Geet वतन वालो वतन ना बेच देना

वतन वालो वतन ना बेच देना ये धरती ये गगन ना बेच देना शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते शहीदों के कफ़न ना बेच देना दोस्तों साथियों हम चले दे चले अपना दिल अपनी जां ताकि जीता रहे अपना हिन्दुस्तां हम जिये हम मरे इस वतन के लिए इस चमन के लिए ताकि खिलता रहे गुल हमेशा यहां …

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नन्हा मुन्ना राही हूँ: शकील बदायूंनी

नन्हा मुन्ना राही हूँ: शकील बदायूंनी

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग जय हिंद जय हिंद जय हिंद… रस्ते पे चलूँगा न डर डर के, चाहे मुझे जीना पड़े मर मर के, मंजिल से पहले न लूँगा कभी दम, आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम, दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम। नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ, बोलो मेरे संग जय हिंद …

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नफरत की लाठी तोड़ो मेरे देश प्रेमियों: आनंद बक्षी

नफरत की लाठी तोड़ो मेरे देश प्रेमियों - आनंद बक्षी

नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंको, ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो, देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों… देखो, ये धरती, हम सब की माता है, सोचो, आपस में, क्या अपना नाता है, हम आपस में लड़ बैठे, हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन सम्भालेगा, कोई बाहर वाला अपने …

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आराम करो: गोपाल प्रसाद व्यास

आराम करो - गोपाल प्रसाद व्यास

एक मित्र मिले‚ बोले‚ “लाला तुम किस चक्की का खाते हो? इस डेढ़ छटांक के राशन में भी तोंद बढ़ाए जाते हो। क्या रक्खा है मांस बढ़ाने में‚ मनहूस‚ अकल से काम करो। संक्रान्ति–काल की बेला है‚ मर मिटो‚ जगत में नाम करो।” हम बोले‚ “रहने दो लैक्चर‚ पुरुषों को मत बदनाम करो इस दौड़–धूप में क्या रक्खा‚ आराम करो‚ …

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खूनी हस्‍ताक्षर: गोपाल प्रसाद व्यास

Gopal Prasad Vyas Inspirational Patriotic Hindi Poem खूनी हस्‍ताक्षर

Neta Ji Subhas Chandra Bose organized the Indian National Army in early 1940s to fight the foreign occupation of the country. He promised freedom for the country but demanded full dedication of the people to this end. I am thankful to an unnamed reader who sent me a scanned copy of this lovely poem. This is a remarkable poem that …

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नेताजी का तुलादान: गोपाल प्रसाद व्यास

नेताजी का तुलादान - गोपाल प्रसाद व्यास: Patriotic Poem on Subhash Chandra Bose

देखा पूरब में आज सुबह, एक नई रोशनी फूटी थी। एक नई किरन, ले नया संदेशा, अग्निबान-सी छूटी थी॥ एक नई हवा ले नया राग, कुछ गुन-गुन करती आती थी। आज़ाद परिन्दों की टोली, एक नई दिशा में जाती थी॥ एक नई कली चटकी इस दिन, रौनक उपवन में आई थी। एक नया जोश, एक नई ताज़गी, हर चेहरे पर …

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राष्ट्रगान मुझको भी आता है: मनोहर लाल ‘रत्नम’

राष्ट्रगान मुझको भी आता है: मनोहर लाल ‘रत्नम’

जन गण मन बीमार पड़ा है, अधिनायक है कहाँ सो गया, भारत भाग्य विधाता भी तो, इन गलियों में कहीं खो गया। मेरे भारत के मस्तक पर, है आतंक की काली छाया – कर्णधार जितने भारत के, इन सबको है संसद भाता। मुझसे यदि पूछ कर देखो, राष्ट्रगान मुझको है आता॥ आग लगी है पंजाब मेरे में, सिंधु और गुजरात …

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वन्दे मातरम्: बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

वन्दे मातरम् - बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

वन्दे मातरम् भारत का संविधान सम्मत राष्ट्रगीत है। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् 1882 में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के सन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। ∼ बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय हिन्दी-अनुवाद …

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