मोटापा: मोटापे से आनेवाली विभिन्न समस्याओं पर सचेत करती एक हिंदी कविता

मोटापा: मोटापे से आनेवाली विभिन्न समस्याओं पर सचेत करती एक हिंदी कविता

मोटापा (Obesity) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में बहुत अधिक वसा (Fat) जमा हो जाता है। यह आम तौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक भोजन का सेवन करता है और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होता। मोटापे से ग्रस्त लोगों को मधुमेह, नींद, अश्व्सन और ओस्टियोआर्थराइटिस जैसे रोग लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। मोटापा आमतौर पर अत्यधिक भोजन का सेवन और नियमित शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण होता है। मोटापे को एक आनुवांशिक समस्या होने के संदेह से भी देखा जाता है। मोटापे के कारण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में इज़ाफा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं जिन्हें जल्द से जल्द ध्यान देने की आवश्यकता है।

मोटापा: रामप्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’

शर्मनाक है रोग मोटापा,
खो देता यह अपना आपा।

थुलथुल करता शरीर मोय,
समझो इसको तुम भी खोटा।

अंगों का संचालन मुश्किल,
बाधा डाले यह तो पल-पल।

तन की जड़ता बढ़ती इससे,
एक खुमारी चढ़ती इससे।

दौड़- भाग न करने देता,
सुख की सांस यह नहीं लेता।

शरीर में आलस्य लाता,
उपहास का कारण बन जाता।

भूख रखकर भोजन खाओ,
मोटापा रोग दूर भगाओ।

हल्का व्यायाम लाभकारी,
दूर करे यह सौ बीमारी।

कर जाओ रचनात्मक काम,
बन्धु! रखो तुम कलेजा थाम।

कहे ‘प्रसाद’ अनुलोम-विलोम,
खोल देगा सारे ‘छिद्र रोम’।

~ ‘मोटापा‘ poem by रामप्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’

मोटापा ज्यादातर दो चीजों के संयोजन का परिणाम है – अत्यधिक भोजन और न के बराबर शारीरिक गतिविधि करना। जरूरी नहीं कि यह भोजन का अत्यधिक मात्रा में नियमित सेवन करने से हो या एक आनुवंशिक समस्या हो। यह कुछ दवाइयों के विपरीत प्रभाव के रूप में भी हो सकती है।

मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके मोटापे को ठीक किया जा सकता है। इस समस्या को विकसित होने से रोकने के लिए स्वस्थ आहार योजना और व्यायाम शासन का पालन करना आवश्यक है।

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