वीणा की झंकार भरो – मनोहर लाल ‘रत्नम’

कवियों की कलमों  में शारदे,
वीणा की झंकार  भरो।
जन – गण – मन  तेरा  गुण गाये,
फिर ऐसे आधार करो॥

तेरे बेटों ने तेरी झोली में डाली हैं लाशें,
पीड़ा, करुणा और रुदन चीखों की डाली हैं सांसें।
जन – गण मंगल दायक कर आतंक मिटा दो धरती से-
दानव कितने घूम रहे हैं, फैंक रहे हैं अपने पासे॥

माला के मदकों में फिर से,
डमरू की हुंकार भरो।
कवियों की कलमों में शारदे,
वीणा की झंकार भरो॥

अगर बत्तियां, दीप नहीं, पूजा में चढ़ती है गोली,
पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल, माँ अब डरती है रोली।
माँ शारदा के चरणों में कैसे सीस झुका पाये-
गली – गली का धर्म बटा है, उठती है ऐसी बोली॥

माँ वीणा की तान सुनाकर,
जन के मन में प्यार भरो।
कवियों की कलमों में शारदे,
वीणा की झंकार भरो॥

कवियों की आँखें गीली हैं, कविता नहीं सुहाती है,
सच कहने वालों के सर की, कलम बनायी बनाई जाती है।
वातावरण घिनौना है अब, डोल रहा कवियों का मन-
बम फटते हैं चौराहे पर, पीर जगाई जाती है॥

अपने हंस को आज्ञा देकर,
ज्ञान का माँ विस्तार करो।
कवियों की कलमों में शारदे,
वीणा की झंकार भरो॥

कवि-कोविद सब आतंकित हैं, मात् शारदे आ जाओ,
बुद्धि भी कुंठित लगती है, सबको धीरज दे जाओ।
‘रत्नम’ तुम्हे पुकार रहा है, कवियों का भय दूर करो-
इस भारत के जन को आकर, फिर से ज्ञान सीखा जाओ॥

अटल रहे जो सागर जैसा,
आकर ऐसा प्यार भरो।
कवियों की कलमों में शारदे,
वीणा की झंकार भरो॥

∼ मनोहर लाल ‘रत्नम’

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …