पुरुस्कार – शकुंतला कालरा

गीतों का सम्मेलन होगा,
तुम सबको यह बात बतानी,
अकड़–अकड़ कर मेंढक बोले,
तुम भी चलना कोयल रानी।

मीकू बंदर, चीकू मेंढक
मोती कुत्ता, गए बुलाए
जाकर बैठ गए कुर्सी पर,
वे निर्णायक बन कर आए।

आए पंछी दूर–दूर से
बोली उनकी प्यारी–प्यारी,
रंगमंच पर सब जा बैठे,
गाया सबने बारी–बारी।

चहक–चहक कर बुलबुल आई,
गाया उसने हौले–हौले
कैसा जादू था गाने में,
जैसे कोई मिसरी घोले।

कोयल ने जब गीत सुनाया,
श्रोता सारे लगे झूमने,
सुन–सुन कर वह तान सुरीली,
निर्णायक भी लगे घूमने।

तितली रानी, भौंरा राज,
हवा संग इठलाता आया,
छेड़ा साज़ गज़ब का उसने,
गुन–गुन गुन–गुन गाना गाया।

बड़ी पहुँच वाला कौवा था,
पुरुस्कार उसने ही पाया,
गुम–सुम बैठे पंछी सारे,
नहीं फैसला उनको भाया।

चली धांधली खूब वहाँ पर,
मिल कर सबने की मनमानी,
कौवा जीता काँव–काँव कर,
रही ताकती बुलबुल रानी।

देख समय की चाल अनोखी,
दुखी हुई कोयल बेचारी,
बदल गया है चलन यहाँ का,
चलती है अब तिकड़म भारी।

देख–देख बुलबुल, कोयल को,
बात पते की बोली मैना,
छोड़ो चिंता हार–जीत की,
हमको यूँ ही गाते रहना।

मीठे–मीठे बोल बोलकर,
सबके दिल में घर कर लेना।
हम छेड़ेंगे तान सुरीली,
पुरुस्कार क्या लेना–देना।

— डॉ. शकुंतला कालरा

About 4to40.com

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …