कनुप्रिया (इतिहास: विप्रलब्धा) – धर्मवीर भारती

बुझी हुई राख, टूटे हुए गीत, बुझे हुए चाँद,
रीते हुए पात्र, बीते हुए क्षण-सा–
–मेरा यह जिस्म

कल तक जो जादू था, सूरज था, वेग था
तुम्हारे आश्लेष में

आज वह जूड़े से गिरे हुए बेले-सा
टूटा है, म्लान है
दुगुना सुनसान है
बीते हुए उत्सव-सा, उठे हुए मेले-सा–
मेरा यह जिस्म–
टूटे खंडहरों के उजाड़ अन्तःपुर में
छूटा हुआ एक साबित मणिजटित दर्पण-सा–
आधी रात दंश भरा बाहुहीन
प्यासा सर्पीला कसाव एक
जिसे जकड़ लेता है
अपनी गुंजलक में:

अब सिर्फ मैं हूँ, यह तन है, और याद है
खाली दर्पण में धुँधला-सा एक प्रतिबिंब
मुड़-मुड लहराता हुआ
निज को दोहराता हुआ!

———————————————————————

कौन था वह
जिस ने तुम्हारी बाँहों के आवर्त में
गरिमा से तन कर समय को ललकारा था!

कौन था वह
जिस की अलकों में जगत् की समस्त गति
बँध कर पराजित थी!

कौन था वह
जिसके चरम साक्षात्कार का एक गहरा क्षण
सारे इतिहास से बड़ा था, सशक्त था!

कौन था कनु, वह
तुम्हारी बाँहों में
जो सूरज था, जादू था, दिव्य था, मंत्र था
अब सिर्फ मैं हूँ, यह तन है, और याद है!

मंत्र-पढ़े बाण-से छूट गए तुम तो कनु,
शेष रही मैं केवल,
काँपती प्रत्यंचा-सी
अब भी जो बीत गया,
उसी में बसी हुई
अब भी उन बाँहों के छलावे में
कसी हुई
जिन रूखी अलकों में
मैंने समय की गति बाँधी थी–
हाय उन्हीं काले नागपाशों से
दिन-प्रतिदिन, क्षण-प्रतिक्षण बार-बार
डँसी हुई

अब सिर्फ मैं हूँ, यह तन है–
–और संशय है

–बुझी हुई राख में छिपी चिनगारी-सा
रीते हुए पात्र की आखिरी बूँद-सा
पा कर खो देने की व्यथा-भरी गूँज सा……

∼ धर्मवीर भारती

About Dharamvir Bharati

धर्मवीर भारती (२५ दिसंबर, १९२६- ४ सितंबर, १९९७) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को १९७२ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। सूरज का सातवां घोड़ा को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है, जिस श्याम बेनेगल ने इसी नाम की फिल्म बनायी, अंधा युग उनका प्रसिद्ध नाटक है।। इब्राहीम अलकाजी, राम गोपाल बजाज, अरविन्द गौड़, रतन थियम, एम के रैना, मोहन महर्षि और कई अन्य भारतीय रंगमंच निर्देशकों ने इसका मंचन किया है।

Check Also

देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ थानेसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

देवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ थानेसर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

Shri Devikoop Bhadrakali Shaktipeeth Temple is situated on the Jhansa Road in the town of …