आल्हाखंड: संयोगिता का अपहरण

आल्हाखंड: संयोगिता का अपहरण

आगे आगे पृथ्वीराज हैं‚ पाछे चले कनौजीराय।
कबहुँक डोला जैयचंद छीनैं‚ कबहुँक पिरथी लेय छिनाय।
जौन शूर छीनै डोला को‚ राखैं पांच कोस पर जाय।
कोस पचासक डोला बढिगौ‚ बहुतक क्षत्री गये नशाय।
लड़त भिड़त दोनों दल आवैं‚ पहुँचे सोरौं के मैदान।
राजा जयचंद ने ललकारो‚ सुन लो पृथ्वीराज चौहान।
डोला लै जइ हौ चोरी से‚ तुम्हरो चोर कहै है नाम।
डोला धरि देउ तुम खेतन में‚ जो जीते सो लेय उठाय।
इतनी बात सुनी पिरथी ने‚ डोला धरो खेत मैदान।
हल्ला ह्वइगौ दोनों दल में‚ तुरतै चलन लगी तलवार।
झुरमुट ह्वइगयो दोनो दल को‚ कोता खानी चलै कटार।
कोइ कोइ मारे बन्दूकन ते‚ कोइ कोइ देय सेल को घाव।
भाल छूटे नागदौनि के‚ कहुँ कहुँ कडाबीन की मारु।
जैचंद बोले सब क्षत्रिन से‚ यारो सुन लो कान लगाय।
सदा तुरैया न बन फूलै‚ यारौ सदा न सावन होय।
सदा न माना उर में जनि है‚ यारौ समय न बारंबार।
जैसे पात टूटि तरुवर से‚ गिरि कै बहुरि न लागै डार।
मानुष देही यहु दुर्लभ है‚ ताते करौ सुयश को काम।
लड़िकै सन्मुख जो मरिजैहों‚ हवै है जुगन जुगन लौ नाम।
झुके सिपाही कनउज वाले‚ रण में कठिन करै तलवार।
अपन पराओ न पहिचानै‚ जिनके मारु मारु रट लाग।
झुके शूरमा दिल्ली वाले‚ दोनों हाथ लिये हथियार।
खट खट खट खट तेग बोलै‚ बोलै छपक छपक तलवार।
चलै जुन्नबी औ गुजराती‚ ऊना चलै विलायत क्यार।
कठिन लड़ाई भइ डोला पर‚ तहँ बही चली रक्त की धार।
ऊंचे खाले कायर भागे‚ औ रण दुलहा चले पराय।
शूर पैंतिसक पृथीराज के‚ कनउज वारे दिये गिराय।
एक लाख जूझे जैचंद के‚ दिल्ली वारे दिये गिराय।
ऐसो समरा भयो सोरौं में‚ अंधाधुंध चली तलवार।
आठ कोस पर दोला पहुँचे‚ जीते जंग पिथोरा राय।

∼ आल्हाखंड

Check Also

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple, Kadapa District, Andhra Pradesh, India

Danavulapadu Jain Temple is an ancient Jain center located in Danavulapadu village, within the Jammalamadugu …