छत्रपति शिवाजी महाराज जी से जुड़े बेहद रोचक तथ्य

छत्रपति शिवाजी महाराज जी से जुड़े रोचक तथ्य

छत्रपति शिवाजी महाराज (1630-1680 ई.) भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगज़ेब से संघर्ष किया। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह “छत्रपति” बने।

पूरा नाम: शिवाजी राजे भोंसले
उप नाम: छत्रपति शिवाजी महाराज
जन्म: 19 फ़रवरी, 1630, शिवनेरी दुर्ग, महाराष्ट्र
पिता का नाम: शाहजी भोंसले
माता का नाम: जीजाबाई
शादी: सईबाई निम्बालकर के साथ, लाल महल पुणे में सन 14 मई 1640 में हुई
मृत्यु: 3 अप्रैल, 1680, महाराष्ट्र

महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज साहस और शौर्य की जीती-जागती मिसाल थे। युद्ध कौशल में उनका कोई सानी नहीं था, वे संख्या में कम होने के बावजूद अपनी गति और चातुर्य के बल पर बड़ी-बड़ी सेनाओं को धूल चटा देते थे। आइये आज हम इस महान भारतीय शूरवीर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को जानते हैं:

शिवाजी महाराज जी से जुड़े रोचक तथ्य:

  • शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था और आगे चल कर वह छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से प्रसिद्द हुए।
  • कई लोग मानते हैं कि शिवाजी का नाम भगवान् शिव के नाम से लिया गया है लेकिन दरअसल यह नाम एक अन्य क्षेत्रीय देवता शिवई के नाम से लिया गया है।
  • शिवाजी हिन्दू धर्म के महान रक्षक थे, पर कई लोग इसका अर्थ यह लगा लेते हैं कि वह अन्य धर्मों के शत्रु थे। पर तथ्य यह है कि शिवाजी एक पूर्णतः धर्म-निरपेक्ष शासक थे। उनकी सेना में कुछ प्रमुख पदों पर मुसलमान भी कार्यरत थे।
  • शिवाजी अन्य धर्मों के लोगों को हिन्दू धर्म अपनाने में सहायक रहते थे, पर वह इस काम के लिए किसी तरह का दबाव नहीं बनाते थे।
  • शिवाजी ने अपनी बेटी का विवाह भी एक ऐसे व्यक्ति से किया था जो मूलतः हिन्दू नहीं था पर बाद में उसने हिन्दू धर्म अपना लिया था।
  • शिवाजी की लड़ाइयों को धर्म-युद्ध से जोड़कर देखा जाता है, जबकि वह अपने राज्य की रक्षा करने के लिए युद्ध करते थे।
  • छत्रपति शिवाजी महाराज जी से जुड़े रोचक तथ्य – शिवाजी एक व्यवहारिक योद्धा थे और बड़ी-बड़ी सेनाओं को हारने के लिए वे गोरिल्ला युद्ध का प्रयोग करते थे।
  • शिवाजी सैनिकों के जान की कीमत अच्छी तरह समझते थे इसलिए वह कमजोर पड़ने पर मैदान छोड़ने और फिर से इकठ्ठा हो कर युद्ध करने के पक्ष में रहते थे।
  • शिवाजी ने अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए नौसेना भी गठित कर रखी थी। इससे उनकी दूरदर्शिता और युद्ध-कौशल का अंदाजा लगाया जा सकता है।
  • एक बार शिवाजी ने अपने से कहीं लम्बे-चौड़े और बलशाली सेनापति अफज़ल खान को आमने-सामने के मुकाबले में हरा दिया था। शिवाजी को शक था कि अफज़ल खान उन पर हमला करेगा इसलिए उन्होंने कपड़ों के नीचे अपना कवच पहन रखा था और सचमुच अफज़ल खान ने उनपर धावा बोल दिया, पर शिवाजी ने उसे वहीँ ढेर कर दिया।

  • शिवाजी को “पहाड़ी चूहा” या “माउंटेन रैट” कह कर भी पुकारा जाता था क्योंकि वह अपने क्षेत्र को बहुत अच्छी तरह से जानते थे और कहीं से कहीं निकल कर अचानक ही हमला कर देते थे या गायब हो जाते थे।
  • शिवाजी को “एस्केप आर्टिस्ट” यानी गायब होने वाला कलाकार भी कहा जाता है। उन्होंने दो मौकों पर, एक बार औरंगजेब की आगरा  किले की कैद से तो एक बार सिद्दी जौहर की पनाहला किले की कैद से आश्चर्यजनक रूप से फरार हो गए थे।
  • शिवाजी औरतों पर किसी भी तरह के अत्याचार के सख्त खिलाफ थे, फिर चाहे वो दुशमन की ओर की औरतें ही क्यों ना हों।
  • औरतों के सम्मान से खिलवाड़ करने वाला चाहे जो भी हो, उसे वह कठोर सजा दिया करते थे।
  • शिवाजी बड़े दयालु थे। युद्ध में जो लोग आत्म-समर्पण कर देते थे वे उन्हें अपनी सेना में शामिल कर लेते थे।
  • शिवाजी के ह्रदय में आम लोगों के लिए प्रेम और सम्मान था। वे कभी भी घरों या धार्मिक स्थलों पर लूट-पाट नहीं होने देते थे।
  • खाने-पीने की सामग्री कम होने पर वे सैनिकों से सामान खरीद कर ही लाने को कहते थे।
  • शिवाजी युद्ध में जीते गए खजाने का बहीखाता बनवाते थे और हर एक चीज का उचित हिसाब रखते थे।
  • जब शिवाजी महज 15 साल के थे तभी उन्होंने बीजापुर के सेनापति को लालच देकर तोरणा का किला अपने कब्जे में ले लिया था।
  • शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक सन 1674 में रायगढ़ में हुआ। यहीं पर उन्हें छत्रपति की उपाधि मिली।
  • संत रामदास शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु भी थे साथ ही वे संत तुकाराम से भी अत्यधिक प्रभावित थे।

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