Tag Archives: Wisdom Stories in Hindi

बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की दिल छू लेने वाली कहानी

बाला की दिवाली: गरीबों की सूनी दिवाली की कहानी

बाला की दिवाली:  “माँ… पटाखे लेने है मुझे” बाला ने दिवार के कोने में बैठे हुए कहा। “कहाँ से ले दूँ?” बाला की माँ, शांता का तुरंत जवाब आया। “पर दिवाली में तो सब बच्चे पटाखे फोड़ते है” बाला ने एक और कोशिश करते हुए कहा। “हाँ, पर उनके मम्मी पापा के पास पैसे होते है?” माँ ने रस्सी पर …

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चुन्नू की इको फ्रेंडली दिवाली: जन जागरूकता पर प्रेरक हिंदी बाल कहानी

इको फ्रेंडली दिवाली

इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …

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मन्नत की दीवाली: अनाथालय के बच्चों के साथ दीवाली का त्योहार

Inspirational Hindi Story about Diwali Festival मन्नत की दीवाली

मन्नत की दीवाली: मैं आपसे कब से कह रही हूँ, पर आप मुझे इस दिवाली पर नई पेंसिल, नए पेन और नया बस्ता दिलवा ही नहीं रही है… मन्नत ने गुस्से से अपनी माँ से कहा। माँ भी दिवाली नज़दीक आने के कारण घर की साफ़ सफ़ाई कर रही थीI सुबह से लगातार काम करते हुए वो भी बुरी तरह …

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दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: शिक्षाप्रद कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

शिक्षाप्रद हिंदी कहानी: दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग

दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: “ऑनलाइन शॉपिंग का क्या बुखार चढ़ा है तुम्हें”? रोहित आशीष के कमरे में घुसता हुआ बोला। “हा हा… कितने आराम से सभी चीज़े घर बैठे मिल जाती है और वो भी बहुत सस्ती” आशीष हँसते हुए बोला। दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: मंजरी शुक्ला “वो तो ठीक है, पर इसका मतलब ये तो नहीं कि तू पेन …

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दिवाली की सच्ची रोशनी: प्रेरक लघुकथा विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

दिवाली की सच्च्ची रोशनी: प्रेरक लघुकथा

दिवाली की सच्ची रोशनी: पुराने समय की बात है। महीप नगर में रतनचंद और माणिकदत्त नामक दो व्यापारी रहते थे। दोनों ही नगर के सबसे अमीर व्यक्ति थे। वहां के राजा महीपाल बड़े ही न्यायप्रिय एवं प्रजा बत्सल थे। राजा को तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का विशेष शौक था। एक बार दिवाली के समय उन्होंने घोषणा करवाई कि दिवाली …

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दिवाली के दिए: दिल छू लेने वाली कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

Heart touching story about Diwali Festival दिवाली के दिए

दिवाली के दिए: पखवाड़े बाद दिवाली थी। सारा शहर दीवाली के स्वागत में रोशनी से झिलमिला रहा था। कहीं चीनी मिटटी के बर्तन बिक रहे थे तो कहीं मिठाई की दुकानो से आने वाली मन भावन सुगंध लालायित कर रही थी। दिवाली के दिए उसका दिल दुकान में घुसने का कर रहा था और मस्तिष्क तंग जेब के यथार्थ का बोध …

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चूहों की दिवाली: चतुर चूहों की चटपटी कहानी

चूहों की दिवाली: चतुर चूहों की चटपटी कहानी

चूहों की दिवाली: जब से चूहों को पता चला था कि दिवाली आने वाली है तो उनमें कानाफूसी शुरू हो गई थी। सबने मिलकर एक शाम को एक मीटिंग करने का निश्चय किया। छोटा चूहा, मोटा चूहा, लम्बा चूहा, नाटा चूहा, कोई भी नहीं छूटा… सब भागते हुए मीटिंग अटेंड करने जा पहुँचे थे। मीटिंग की राय देने वाले नाटू चूहे की तो ख़ुशी …

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बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी

बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी

बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी – बहुत सारे पटाखे, मिठाई और नए नए कपड़े चाहिए मुझे इस दिवाली पर… कहता हुआ नन्हा बिट्टू पैर पटककर माँ के सामने जमीन पर ही लोट गया। उसकी मम्मी ने अपनी हँसी को दबाते हुए कहा – “हाँ – हाँ, सब ले आयेंगे”। यह सुनकर बिट्टू बड़े ही लाड़ से माँ के गले में …

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अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद कहानी सोने के पत्तों की

अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला

अनोखा दशहरा: बहुत समय पहले की बात हैं। उदयपुर राज्य में एक राजा राज्य करता था माधोसिंघ। उसके दिमाग में रह रह कर तरह तरह के फ़ितूर आते रहते थे। इस कारण कभी तो उसकी हरकतों पर लोग हँसते हँसते लोटपोट हो जाते तो कई बार उसे सबके साथ इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता पर वो अपनी पुरानी गलतियों से …

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ऐसे मना दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद बाल-कहानी दशहरा के त्योहार पर

हास्यप्रद बाल-कहानी: ऐसे मना दशहरा

ऐसे मना दशहरा:  “दशहरे पर मैं रावण देखने जाऊंगी” दस साल की चित्राणी ने एलान कर दिया। “और मैं हमेशा की तरह नहीं ले जाऊँगा” पापा ने अखबार पढ़ते हुए ही जवाब दिया। “क्या हो जाएगा, अगर हम लोग रावण देखने चले जाएँगे… पूरी दुनिया तो जाती है” मम्मी ने हर साल की तरह रटा रटाया वाक्य दोहराया। मम्मी की …

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