Tag Archives: Old Classic folktales in Hindi

हनुमान और सुरसा का शिक्षाप्रद प्रंसग: रामायण से जुड़ी लघु कहानी

हनुमान और सुरसा का शिक्षाप्रद प्रंसग: हनुमान जी भगवान राम के परम् भक्त थे। जब लंका का राजा रावण सीता को हर कर ले गया तो राम और लक्ष्मण वन वन सीता को खोजने लगे। एक दिन वे घूमते हुए किष्कंधा पहुचे। वहाँ उनकी उनकी भेंट हनुमान से हुई। हनुमान सुग्रीव के मंत्री थे। उन्होंने सुग्रीव के साथ राम लक्ष्मण …

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महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा

महाराणा प्रताप की रानी - वीर राजपूत नारी की लोक कथा

महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा – वर्ष 1576 ई० में हल्दी घाटी का विकट युद्ध हुआ। यदि राणा चाहते तो अपने भाले की नोक से बाबर के घर का चिराग गुल कर देते, शहजादा सलीम के हाथी पर चेतक अपने अगले चरण रख चुका था। राजपूतों ने बड़ी वीरता दिखायी, मान का अभिमान विजयी हुआ। …

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“अभी दिल्ली दूर है” की कहावत और हजरत निज़ामुद्दीन औलिया

Story of Famous Sufi Saint Hazrat Nizamuddin अभी दिल्ली दूर है

मध्यकाल में दिल्ली ही नहीं बल्कि सारे भारत के जनजीवन पर सूफियों का बड़ा प्रभाव था। यद्यपि सुलतान इसलाम के पालक और संरक्षक थे, मुल्लों और कठमुल्लों के बहकावे मे आ कर हिंदू प्रजा पर मनमाने अत्याचार भी करते थे। लेकिन सुलतान के अधिकांश अमीरों, विशेषतः आम जनता का सूफीमत की ओर अधिक झुकाव था। सूफी धर्म भारत के अद्वैतवाद …

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घर की मुर्गी दाल बराबर: कहानियां कहावतों की

घर की मुर्गी दाल बराबर – कहानियां कहावतो की

फकीरा बहुत गरीब था। मेहनत मज़दूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। घर में अधिकतर दाल रोटियां ही बनती थी। एकादि बार प्याज की चटनी भी चल जाती थी। फिर शाम को दाल। कभी कभी हरी सब्ज़ी बनती थी। मीट तो बकरीद के समय ही बन पाता था। कभी खरीदकर लाते थे। कभी किसी के यहाँ से आ …

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घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने: कहानियां कहावतों की

घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने-Hindi folktale on proverb No rash at home, went to her cash

एक गरीब परिवार था। उसका खर्चा जैसे ­ तैसे चल रहा था। घर में कभी दाल रोटी कभी सब्ज़ी ­ रोटी। लेकिन महीने में भी कई दिन ऐसे आते थे जब बिना दाल ­सब्ज़ी के गुजरा होता था। कभी प्याज­ नमक से रोटियाँ खाते कभी चटनी के साथ। सभी एकादी आलू बचा लेते तो उसे उबालकर भरता बना लेते। कभी …

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