The new year is celebrated all over the world with great enthusiasm and fun. Earlier, it was a Roman calendar which was having only ten months and designated 1st march as the new year. In the Gregorian calendar, there are 12 months in every year and the new year falls on January 1st which is widely accepted and celebrated the festival. It …
Read More »नानक दुखिया सब संसार: जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता
Gautam Buddha said that this world is a world of sorrows. Here Guru Nanak is saying the same. Except for few illusory moments of mirth, rest of the life is a struggle and frustration. नानक दुखिया सब संसार बूढ़ा बाप पड़ा बीमार माँ की बेटे से तकरार इस का रुठ गया है यार नानक दुखिया सब संसार गुंडा लेकर हुआ …
Read More »दिवाली रोज़ मनाएं: दीपावली पर छोटी हिन्दी कविता
भारत में यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है। धनतेरस के दिन व्यापार अपने बहीखाते नए बनाते हैं। अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। नए कपड़े …
Read More »मंगल दीप दिवाली: दिवाली पर हिंदी कविता
वह मंगल दीप दिवाली थी, दीपों से जगमग थाली थी। कोई दिये जला कर तोड़ गया, आशा की किरन को रोक गया॥ इस बार न ये हो पाएगा, अँधियारा ना टिक पाएगा। कर ले कोशिश कोई लाख मगर, कोई दिया न बुझने पाएगा॥ जब रात के बारह बजते हैं, सब लक्ष्मी पूजा करते हैं। रात की कालिमा के लिए, दीपों …
Read More »दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे: बाल-कविता
दिवाली भारतीयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है और हमारे लिए लगभग कोई भी त्योहार आतिशबाजी के बिना पूरा नही माना जाता है। लोग पटाखों और आतिशबाजी को लेकर इतने उत्सुक होते हैं कि वह दिवाली के एक दिन पहले से ही पटाखे फोड़ना शुरु कर देते हैं और कई बार तो लोग हफ्तों पहले ही पटाखे फोड़ना …
Read More »दिवाली आई, दिवाली आई: हिंदी बाल-कविता
दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। धूम धमक धूम-धूम, चकरी, बम, हवाई इनसे बचना भाई। दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। पटाखे बाजे धूम-धूम, धूम-धूम। आओ मिलकर नाचे गए हम और तुम…। घर घर दीप जलेंगे, आएगी मिठाई। दिवाली आई, दिवाली आई, खुशियो की बहार लायी। धूम धमक धूम-धूम, चकरी, बम, हवाई इनसे बचना भाई। दिवाली …
Read More »सयानी बिटिया – हिंदी कविता: बेटियां होती है पराया धन
जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे जीवन-भर कब जानी बिटिया चॉकलेट भैया को भाये पाती है गुड़धानी बिटिया सारा जीवन इच्छाओं की देती है कुर्बानी बिटिया चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन भूल गई शैतानी बिटिया हल्दी, बिछूए, कंगल …
Read More »मेघ आये बड़े बन ठन के, सँवर के: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
भारत में मॉनसून हिन्द महासागर व अरब सागर की ओर से हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है। जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में भारी वर्षा होती है। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक सक्रिय रहती हैं। वैसे किसी …
Read More »घर की याद: भवानी प्रसाद मिश्र की प्रसिद्ध हिंदी कविता
भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। वह ‘दूसरा सप्तक’ के प्रथम कवि हैं। गांंधी-दर्शन का प्रभाव तथा उसकी झलक उनकी कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह ‘गीत-फ़रोश’ अपनी नई शैली, नई उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यंत लोकप्रिय हुआ। प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे। …
Read More »भीग रहा है गाँव: अखिलेश कुमार सिंह
मुखिया के टपरे हरियाये बनवारी के घाव सावन की झांसी में गुमसुम भीग रहा है गाँव धन्नो के टोले का तो हर छप्पर छलनी है सब की सब रातें अब तो आँखों में कटनी हैं चुवने घर में कहीं नहीं खटिया भर सूखी ठाँव निंदियारी आँखें लेकर खेतों में जाना है रोपाई करते करते भी कजली गाना है कीचड़ में …
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