Tag Archives: Hindi Stories on Culture And Traditions

पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ – रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष

पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ - रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष

पेड़ों की रक्षा: गगन के घर के पास खेजड़ी का एक विशाल वृक्ष था, जिसे उसके दादाजी ने उसके पिताजी के जन्म पर लगाया था। खेजड़ी का यह पौधा वह अपने गांव से लाए थे और कहते थे कि यह बहुत ही अमूल्य पेड़ है। इसे बचाने के लिए अमृता देवी ने खेजड़ी के साथ कट कर प्राण दे दिए …

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दो बैलों की कथा: मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय हिंदी कहानी

Munshi Premchand Classic Hindi Story दो बैलों की कथा

कथाकार मुंशी प्रेमचंद भारत के ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और ‘कथा सम्राट‘ कहलाए। प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्‍साह से मनाई जाती  है। इस खास मौके पर उनकी कहानी ‘दो बैलों की कथा‘ पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए… दो बैलों की कथा [1]: हीरा और मोती जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता …

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नन्हें गणेश: डॉ. मंजरी शुक्ला

नन्हें गणेश: डॉ. मंजरी शुक्ला

नन्हें गणेश: “भगवान गणपति की यह मूर्ति कितनी भव्य और भव्य है” रोहन ने माँ से कहा। “हाँ, बहुत सुंदर है” उसकी माँ कमला ने फ़र्श पर पोछा लगाते हुए जवाब दिया। “कम से कम एक नज़र देख तो लो” रोहन बोला। कमला ने अपना सिर घुमाया और फीकी मुस्कान के साथ मूर्ति की ओर देखा और फिर से अपना …

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राखी का त्यौहार और चश्में वाली पतंग: हास्यप्रद कहानी

राखी का त्यौहार और चश्में वाली पतंग

राखी का त्यौहार और चश्में वाली पतंग: अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये हर बहन रक्षा बंधन के दिन का इंतजार करती है। वैसे ही भाई भी बहन की राखी का बेसब्री से इंतज़ार करता है। यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका है, कहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और …

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राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन

राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन त्यौहार

जब भी राखी का त्यौहार आता था, मुन्नी का दिल भर आता था। वह दिन भर घर के अंदर और बाहर चक्कर लगाया करती थी कि शायद उसका भाई लौट आये। पर एक राखी के बाद दूसरी और फिर तीसरी और फ़िर बहुत सारी राखी आई पर उसका भाई नहीं आया। आज राखी थी और हर साल की तरह मुन्नी …

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रक्षाबंधन पर शिक्षाप्रद कहानी: गोलू की राखी

रक्षाबंधन त्यौहार पर शिक्षाप्रद बाल कहानी: गोलू की राखी

आज गोलू रूठा था। राखी के दिन भाई रूठा तो बहन भी उसके पीछे पीछे दौड़ कर उसे मना रही थी। सात साल का गोलू वैसे तो किसी बात पर रूठता नहीं था पर आज बात ही कुछ और थी। मम्मी ने जब राखी की थाली तैयार की और मुन्नी को राखी पकड़ाई तो गोलू भाग खड़ा हुआ। बेचारी मुन्नी …

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दादी का चश्मा: दादी पोते की मार्मिक हिंदी कहानी

दादी का चश्मा: दादी पोते की मार्मिक हिंदी कहानी

“दादी का चश्मा टूट गया” रोमी अपना होमवर्क छोड़कर मम्मी को बताने के लिए भागा। मम्मी उस वक्त टीवी देख रही थी। रोमी ने टीवी की तरफ़ देखा। टीवी में चिड़ियाघर का दृश्य चल रहा था। दो छोटे बच्चे लोहे के सीखचों के अंदर हाथ डालकर पिंजरें में बंद बंदरों को पत्थर मार रहे थे। चोट से बचने के लिए बन्दर …

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रिश्ता: बनते बिगड़ते रिश्तों की अनकही कहानी

बनते बिगड़ते रिश्तों की अनकही कहानी: रिश्ता

शानू, असलम चाचू आये है जरा दो कप चाय तो बनाकर लाना। “अदरक वाली… कड़क…” असलम चाचा बोले, जिन्हें मैं प्यार से चाचू बोलती थी। “घर में तो अदरक की फैक्टरी लगी है ना… अभी अभी कई देशों में भेजी है हमने…” कहते हुए दादी के पूजा घर में घंटे और घड़ियाल जोरों से घर में बजने लगे थे। मैंने …

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धैर्य व सब्र पर प्रेरणादायक कहानी: धन जरना

Grandfather

किसी गांव में एक बुजुर्ग किसान हाथ में माला लिए प्रभु का सिमरन करता रहता था। बेटे-बहुएं, पोते-पोतियां घर में आते-जाते उसको माला पकड़े देखते और समझने की कोशिश करते कि पिता जी जो बोलते हैं वह सुनाई देता है पर समझ नहीं आता। वह किसान माला जपते-जपते “धन जरना, धन जरना” का शब्द उच्चारण करता। बेटे-बहुएं तो आदि हो …

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सोनू और नंदनी गाय की दिल छू लेने वाली बाल-कहानी

सोनू और नंदनी

नटखट सोनू एक बहुत ही शरारती बच्चा था और रात दिन सिर्फ़ शैतानियाँ करने के बारे में ही सोचता रहता था।उसके घर में एक सफ़ेद रंग गाय थी नंदनी, जो बहुत ही सुन्दर और सीधी थी। वह सोनू को बहुत प्यार करती थी पर जब भी सोनू अपने पापा के साथ गौ शाला में जाता तो उसकी घास छुपा देता …

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